रुड़की – भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की में शुक्रवार को स्मार्ट इंडिया हैकथॉन (Smart India Hackathon) 2025 – हार्डवेयर संस्करण का शुभारंभ हुआ। इस राष्ट्रीय आयोजन में देशभर से 150 छात्र और 36 संकाय मेंटर्स भाग ले रहे हैं। शिक्षा मंत्रालय की इनोवेशन सेल (MIC) और एआईसीटीई द्वारा संचालित इस प्रतियोगिता में आईआईटी रुड़की को नोडल केंद्र के रूप में नामित किया गया है।
सप्ताहभर चलने वाला यह आयोजन रीथिंक! द टिंकरिंग लैब में आयोजित हो रहा है, जहाँ प्रतिभागी देश की प्रमुख तकनीकी चुनौतियों—कृषि, सुरक्षा, संचार और मौसम विज्ञान—के लिए वास्तविक समाधान विकसित कर रहे हैं। इस वर्ष की प्रतियोगिता में पाँच मुख्य समस्या-वक्तव्य गृह मंत्रालय (MHA) और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (MoA&FW) द्वारा दिए गए हैं। इनमें अति-विपरीत मौसम निगरानी, उपग्रह-संपृक्त हैंडहेल्ड रेडियो, फसल परिपक्वता पूर्वानुमान उपकरण, कम लागत वाली कपास-तोड़ मशीन और जूट रेटिंग प्रक्रिया सुधार हेतु उपकरण शामिल हैं। ये सभी विषय आत्मनिर्भर भारत, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और कृषि 4.0 जैसे राष्ट्रीय अभियानों से जुड़े हैं।

उद्घाटन समारोह में आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पंत ने कहा कि स्मार्ट इंडिया हैकथॉन भारत की तकनीकी क्षमता और नवाचार भावना का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि “आईआईटी रुड़की को गर्व है कि वह ऐसे नवोन्मेषी युवाओं की मेजबानी कर रहा है, जो राष्ट्रीय प्राथमिकताओं—सुरक्षा, कृषि और ग्रामीण विकास—के लिए नए समाधान तैयार कर रहे हैं। यह कार्यक्रम आत्मनिर्भर भारत की उस भावना को साकार करता है – भारत से समाधान, भारत के लिए समाधान।”
प्रो. वरुण शर्मा (SPOC, SIH 2025) और टिंकरिंग लैब के समन्वयक ने कहा कि यह हैकथॉन छात्रों को अपनी सोच को व्यवहारिक समाधानों में बदलने का एक अनूठा अवसर देता है। “आईआईटी रुड़की शिक्षा मंत्रालय की इनोवेशन सेल के साथ मिलकर नवाचार की मजबूत पाइपलाइन तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है,” उन्होंने कहा।
इस दौरान एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम ने देशभर के 60 नोडल केंद्रों को एक साथ संबोधित किया और छात्रों को तकनीकी नवाचार के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत निर्माण में योगदान देने का आह्वान किया। एआईसीटीई नोडल केंद्रों के प्रमुख श्रीकांत संगलुडकर और विकास वर्मा भी समारोह में मौजूद रहे। आईआईटी रुड़की की विभिन्न शाखाओं — यांत्रिक, सिविल, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल, ईसीई, डिजाइन और फिजिक्स — के विशेषज्ञ संकाय और तकनीकी विशेषज्ञ प्रतिभागी टीमों को मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
सप्ताहभर चलने वाले इस कार्यक्रम में तैयार किए गए प्रोटोटाइप न केवल तकनीकी नवाचार को प्रोत्साहित करेंगे, बल्कि कृषि आधुनिकीकरण, प्रौद्योगिकी आत्मनिर्भरता, युवा सशक्तीकरण और ग्रामीण आजीविका सुधार में भी योगदान देंगे। आईआईटी रुड़की ने सभी प्रतिभागी टीमों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि संस्थान देश के तकनीकी विकास, नवाचार और अनुसंधान को नई दिशा देने के लिए निरंतर कार्य करता रहेगा।

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