देहरादून – उत्तराखंड के स्वास्थ्य ढांचे को और सुदृढ़ करने की दिशा में राज्य सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से चयनित राजकीय मेडिकल कॉलेजों के 142 असिस्टेंट प्रोफेसरों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम राज्य की चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊंचाई देगा।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने नव नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों को बधाई देते हुए कहा कि यह अवसर केवल नौकरी का नहीं, बल्कि समाज सेवा और मानवता के प्रति समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने सभी डॉक्टरों से छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ उनमें संवेदनशीलता, सहानुभूति और सेवा की भावना विकसित करने का आह्वान किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और सुदृढ़ीकरण पर लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत अब तक 61 लाख से अधिक कार्ड बनाए जा चुके हैं, जिनसे प्रदेश के 17 लाख मरीजों को 3300 करोड़ रुपये से अधिक के कैशलेस उपचार का लाभ मिला है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लक्ष्य की दिशा में कार्य कर रही है। वर्तमान में पाँच मेडिकल कॉलेज संचालित हैं, जबकि देहरादून, हल्द्वानी और श्रीनगर मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी विभाग स्थापित किए गए हैं। इसके साथ ही पिथौरागढ़ और रुद्रपुर मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य भी तेजी से प्रगति पर है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के प्रथम आधुनिक कैंसर संस्थान का निर्माण कार्य हल्द्वानी में जारी है, जो प्रदेशवासियों को उन्नत इलाज की सुविधा देगा। इसके अलावा हेली एंबुलेंस सेवा अब तक सैकड़ों मरीजों के लिए जीवनदायिनी सिद्ध हुई है। प्रदेश में मरीजों को पैथोलॉजिकल जांचों की निःशुल्क सुविधा दी जा रही है, साथ ही टेलीमेडिसिन सेवा के माध्यम से दूरस्थ गाँवों में विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श उपलब्ध कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सभी मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी और स्टाफ की कमी दूर की जा रही है। “आज 142 असिस्टेंट प्रोफेसरों को नियुक्ति पत्र दिए जा रहे हैं, जबकि 356 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति प्रक्रिया भी जारी है। इसी तरह 1248 नर्सिंग अधिकारियों और 170 तकनीशियनों की नियुक्ति की जा चुकी है तथा करीब 600 नर्सिंग अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया भी प्रगति पर है।”
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार और पक्षपात पर सख्त रुख अपनाते हुए देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया है। अब सभी चयन प्रक्रियाएँ पूरी तरह मेरिट के आधार पर पारदर्शी तरीके से हो रही हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 27 हजार से अधिक युवा सरकारी नौकरी प्राप्त कर चुके हैं, जो पारदर्शी भर्ती व्यवस्था का प्रमाण है।
कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने भी इस अवसर पर कहा कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों में अब 62 प्रतिशत स्थायी फैकल्टी कार्यरत है और आने वाले समय में यह संख्या और बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि पिथौरागढ़ और रुद्रपुर मेडिकल कॉलेजों का 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और अगले सत्र से दोनों कॉलेज शुरू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 100 नर्सिंग कॉलेज संचालित हैं, जिनमें हर वर्ष 14 हजार विद्यार्थी नर्सिंग शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
डॉ. रावत ने कहा कि हाल ही में नियुक्त हुए 3000 नर्सिंग स्टाफ में सभी उत्तराखंड मूल निवासी हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 32 लाख लोगों की निःशुल्क जांचें की गई हैं, जबकि 350 मरीजों को हेली एंबुलेंस के माध्यम से हायर सेंटर रेफर किया गया है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य केवल चिकित्सा शिक्षा का विस्तार करना नहीं, बल्कि इसे गुणवत्ता, संवेदनशीलता और आधुनिकता के साथ जोड़ना है। उन्होंने कहा कि “जब हर जिले में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध होंगी, तब ही उत्तराखंड वास्तव में स्वस्थ राज्य बनेगा।”

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