देहरादून – नर्सिंग भर्ती विवाद के बीच राजधानी में तनाव भड़क गया, जब सीएम आवास कूच के दौरान एक महिला कॉन्स्टेबल ने प्रदर्शन कर रही नर्सिंग अधिकारी को थप्पड़ जड़ दिया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही नर्सिंग समुदाय, स्वास्थ्यकर्मियों और बेरोजगार संगठनों में आक्रोश फैल गया। प्रदेशभर के कई कर्मचारी संगठन अब नर्सिंग कर्मचारियों के समर्थन में उतर आए हैं।
दरअसल, नर्सिंग एकता मंच और बेरोजगार नर्सिंग अधिकारी पिछले पांच दिनों से देहरादून के एकता विहार में धरने पर बैठे हैं। वे सरकार द्वारा नर्सिंग अधिकारी भर्ती प्रक्रिया में किए गए बदलाव का विरोध कर रहे हैं। मंगलवार को प्रदर्शनकारी नर्सिंग कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच कर रहे थे। दिलाराम चौक पर भारी पुलिस बल की मौजूदगी में प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास किया गया। इसी दौरान झड़प की स्थिति उत्पन्न हो गई।

तनाव के बीच एक महिला कॉन्स्टेबल ने हरिद्वार निवासी नर्सिंग अधिकारी सपना चौधरी को हटाने की कोशिश की, लेकिन जब वे नहीं हटीं तो पुलिसकर्मी ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद दोनों के बीच हाथापाई की स्थिति बन गई। मौके पर अफरा-तफरी मच गई और अन्य महिला प्रदर्शनकारी भी बीच-बचाव के लिए आगे आईं। अंततः पुलिस ने हस्तक्षेप कर स्थिति को नियंत्रित किया और प्रदर्शनकारी महिला को हिरासत में लेकर मामला शांत कराया।
यह पूरी घटना मोबाइल कैमरे में कैद हो गई और कुछ ही देर में इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो सामने आने के बाद नर्सिंग समुदाय में जबरदस्त रोष है। नर्सिंग एकता मंच के पदाधिकारियों ने घटना की निंदा करते हुए संबंधित पुलिसकर्मी के खिलाफ तत्काल निलंबन और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
नर्सिंग कर्मचारी भर्ती प्रक्रिया में किए गए बदलावों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि पहले भर्ती वर्षवार और सीनियरिटी आधार पर होती थी, लेकिन अब परीक्षा आधारित चयन प्रणाली लागू कर दी गई है। इससे हजारों अनुभवी और योग्य अभ्यर्थियों का नुकसान होगा। साथ ही, नर्सिंग मंच की यह भी मांग है कि IPHS मानकों के अनुसार कम से कम 2500 पदों पर भर्ती की जाए, उत्तराखंड मूल निवासियों को प्राथमिकता मिले, ओवर-एज अभ्यर्थियों को छूट दी जाए और भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी रखी जाए।
नर्सिंग सेवा संघ के अध्यक्ष विजय चौहान ने बताया कि 2016 में बैकलॉग पदों पर नियुक्तियां हुईं, 2021 में 2600 पदों के लिए विज्ञापन जारी हुआ था लेकिन विरोध के चलते प्रक्रिया रोक दी गई। बाद में सीनियरिटी के आधार पर लगभग 3000 नियुक्तियां 2025 तक पूरी की गईं। अब सरकार ने केवल 100 पदों पर परीक्षा आधारित भर्ती का विज्ञापन निकाला है, जिससे नर्सिंग समुदाय में असंतोष बढ़ गया है।
नर्सिंग एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष नवल पुंडीर ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जानबूझकर धरना स्थल शहर से बाहर तय किया गया ताकि आंदोलन की आवाज दबाई जा सके। उन्होंने कहा कि भर्ती पोर्टल को तत्काल बंद कर पुरानी भर्ती प्रणाली बहाल की जाए और स्वास्थ्य संस्थानों में खाली पदों को प्राथमिकता से भरा जाए।
गौरतलब है कि इससे पहले भी बेरोजगार नर्सिंग अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को खून से पत्र लिखकर अपनी पीड़ा व्यक्त की थी। अब थप्पड़कांड के बाद आंदोलन ने और जोर पकड़ लिया है। संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने जल्द समाधान नहीं निकाला, तो आंदोलन पूरे प्रदेश में फैलाया जाएगा। वहीं, पुलिस प्रशासन का कहना है कि घटना की जांच की जा रही है और किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता या अनुचित आचरण पर कार्रवाई की जाएगी।

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