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हाजी हबीबुल्लाह शाह रहमतुल्लाह अलैह का 115वां उर्स संपन्न — महफ़िल-ए-कव्वाली में कोमी एकता और सूफियाना रंग बिखरा…

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हाजी हबीबुल्लाह शाह रहमतुल्लाह अलैह का 115वां उर्स संपन्न — महफ़िल-ए-कव्वाली में कोमी एकता और सूफियाना रंग बिखरा

कालाढूंगी। हाजी हबीबुल्लाह शाह रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह पर शनिवार को 115वां उर्स बड़े अकीदत और एहतराम के साथ मनाया गया। इस मौके पर नगर पालिका अध्यक्ष रेखा कत्यूरा एवं पूर्व अध्यक्ष पुष्कर कत्यूरा ने दरगाह पहुंचकर महफ़िल-ए-कव्वाली में शिरकत की और कोमी एकता व भाईचारे का संदेश दिया।

अध्यक्ष रेखा कत्यूरा ने अवाम को उर्स की मुबारकबाद दी और कहा कि भारत की असली पहचान इसकी गंगा-जमुनी तहज़ीब है, जिसे हर हाल में बनाए रखना होगा। उन्होंने देश की रक्षा और एकता के नारे लगाकर महफ़िल में जोश और उत्साह भर दिया।

वहीं पूर्व अध्यक्ष पुष्कर कत्यूरा ने उर्स में शामिल होकर कहा कि हाजी हबीबुल्लाह शाह रहमतुल्लाह अलैह जैसे सूफी संतों ने हमेशा इंसानियत, मोहब्बत और भाईचारे का पैगाम दिया है। उन्होंने कहा कि “सबका साथ, सबका विकास” की भावना से ही समाज और देश दोनों तरक्की कर सकते हैं।

दरगाह कमेटी के अध्यक्ष तस्लीम ठेकेदार ने उर्स के सफल आयोजन के लिए समस्त अकीदतमंदों और स्थानीय प्रशासन का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने बताया कि इस बार भी बड़ी संख्या में जायरीन बाबा की बारगाह में हाजिरी देने पहुंचे।

महफ़िल-ए-कव्वाली में मशहूर कव्वाल चांद कादरी ने अपनी फनकारी और सूफियाना अंदाज़ से समा बाँध दिया। उनके एक से बढ़कर एक कलामों ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया और पूरी महफ़िल “यार हबीबुल्लाह शाह बाबा की जय” के नारों से गूंज उठी।

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