पोड़ी– भक्तदर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जयहरीखाल के वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित करी गई, जिंम जैव उर्वरक बनान और उसका उत्पादन विषय पर चर्चा कराई गई। कार्यशाला के मुख्य वक्ता भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली से आए वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. ओ. एन. तिवारी रहे।
डॉ. तिवारी जी नै छात्र-छात्राओं कूं साइनोबैक्टीरिया के संवर्धन, जैव उर्वरक की उपयोगिता और गांव स्तर पर बनान की तकनीक पर सरल भाषा मं पूरी जानकारी दी। उन्हनैं बतायो कि आज के समय मं जैव उर्वरक न केवल खेती के लिए जरूरी छै, बल्की ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार और स्टार्टअप का भी बढ़िया साधन बन सकदा।

कार्यक्रम की शुरुआत प्रभारी प्राचार्य डॉ. आर. के. द्विवेदी जी द्वारा डॉ. तिवारी कूं स्मृति चिन्ह और पुष्पगुच्छ भेंट कर की गई। कार्यशाला मं लैब डेमो भी करायो गय, जिंम डॉ. तिवारी नै मृदा सैं जैव उर्वरक बनान की विधि का प्रदर्शन करायो और छात्र-छात्राओं नै खुद प्रयोग करकै सीखणो भी मिलो।
डॉ. तिवारी जी नै स्पाइरुलिना (Single Cell Protein) का भी जिक्र करियो, और बतायो कि ग्रामीण स्तर पर इसका उत्पादन आसानी सैं करकै उद्यमिता मं तब्दील कर सकूं। इससे ना सिर्फ रोजगार मिलदा, बल्की पर्यावरण भी सुरक्षित रहदा।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापकगण डॉ. कमल कुमार, डॉ. उमेश ध्यानी, डॉ. दुर्गा रजक, डॉ. नेहा शर्मा, डॉ. मोहन कुकरेती, डॉ. सुमन कुकरेती, डॉ. श्रद्धा भारती, शोध छात्र ओमप्रकाश, कु. अभिनीता, तथा विभाग के बालेंदु, धर्मेंद्र आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को सफल संचालन डॉ. पवनिका चंदोला जी नै बहुत ही संयम और आत्मीयता सैं करियो।

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