रुद्रपुर – वर्षों से बंद पड़ी रुद्रपुर की नवनिर्मित अनाज मंडी की बदहाली अब सुर्खियों में है। पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने इस गंभीर मुद्दे को उठाते हुए देहरादून में कृषि विभाग के सचिव एस.एन. पांडे से मुलाकात कर मंडी की दुर्दशा पर चिंता जताई और तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने की मांग की।
पूर्व विधायक ठुकराल ने बताया कि अपने विधायक कार्यकाल के दौरान उन्होंने आदित्यनाथ झा राजकीय इंटर कॉलेज की भूमि को राज्य सरकार से हस्तांतरित कराकर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सीमा पर एक आधुनिक और विशाल अनाज मंडी के निर्माण की पहल की थी। इस मंडी का उद्देश्य न केवल आढ़तियों के लिए व्यवस्थित दुकानें उपलब्ध कराना था, बल्कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना और राज्य के राजस्व को बढ़ाना भी था।

उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि निर्माण पूर्ण होने के बावजूद आज तक गल्ला आढ़तियों को दुकानों के ब्लॉकों का आवंटन नहीं किया गया, जिससे मंडी “कागज़ों में बनी उपलब्धि” बनकर रह गई है। उन्होंने बताया कि मंडी परिसर में अब घास उग आई है, अव्यवस्था फैली हुई है, नशेड़ियों का जमावड़ा रहता है, और चोरी की घटनाएं आम हो चुकी हैं।
ठुकराल ने मंडी भवन की निर्माण गुणवत्ता पर भी गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि शटर जंग खा चुके हैं, दीवारें उखड़ने लगी हैं और कई निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का पूर्ण अभाव दिखता है। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार हुआ है, जिसकी जांच की जानी चाहिए।
पूर्व विधायक ने कहा,
“यदि यह मंडी जल्द शुरू होती है तो आढ़तियों से किराया और करों के माध्यम से सरकार को राजस्व मिलेगा, वहीं किसानों को अपनी उपज का उचित दाम भी मिल सकेगा। यह मंडी दोनों राज्यों — उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश — के किसानों के लिए आर्थिक लाभ का केंद्र बन सकती है।”
उन्होंने कृषि सचिव से मांग की कि आढ़तियों को पारदर्शी प्रक्रिया के तहत दुकानें आवंटित की जाएं और मंडी के संचालन को शीघ्र प्रारंभ किया जाए।
कृषि विभाग के सचिव एस.एन. पांडे ने ठुकराल को आश्वासन दिया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए शीघ्र कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि “आढ़तियों और किसानों दोनों के हित में मंडी की व्यवस्थाओं को सुधारना विभाग की प्राथमिकता है। इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जल्द जारी किए जाएंगे।”

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