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देहरादून से बड़ी खबर — मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बोले, “भारत का हर नागरिक गोरखा सैनिकों के शौर्य और बलिदान का आभारी”….

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देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को स्व. हरबंश कपूर मेमोरियल सभागार, गढ़ी कैंट में आयोजित ऑल इंडिया गोरखा एक्स-सर्विसमेन्स वेलफेयर एसोसिएशन (AIEWA) की 75वीं वर्षगांठ समारोह में शिरकत की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बैरिस्टर अरि बहादुर गुरूंग की प्रतिमा का अनावरण किया और एसोसिएशन की स्मारिका का विमोचन भी किया।

मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि यह आयोजन केवल एक संस्था का उत्सव नहीं, बल्कि गोरखा समुदाय की अदम्य वीरता, अनुशासन, समर्पण और राष्ट्रभक्ति की गौरवशाली परंपरा का उत्सव है। उन्होंने कहा कि “गोरखा सैनिकों का शौर्य इतना अप्रतिम है कि दुनिया के किसी भी युद्ध की कहानी गोरखाओं के बिना अधूरी है।”

उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा ऑल इंडिया गोरखा एक्स-सर्विसमेन्स वेलफेयर एसोसिएशन को ‘ऑल इंडिया स्टेटस’ प्रदान किया जाना गोरखा समाज की प्रतिष्ठा और योगदान का सम्मान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते 75 वर्षों में एसोसिएशन ने ईमानदारी, पारदर्शिता और जनसेवा की भावना से कार्य करते हुए लाखों गोरखा भूतपूर्व सैनिकों, वीर नारियों और उनके परिवारों को लाभान्वित किया है।

मुख्यमंत्री धामी ने बैरिस्टर अरि बहादुर गुरूंग को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे न केवल एक सांसद थे, बल्कि भारतीय संविधान निर्माण समिति के सदस्य के रूप में उन्होंने भारत के संविधान के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

मुख्यमंत्री ने कहा —

“गोरखाओं की वीरता और बलिदान की मिसाल इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। कहा जाता है कि जिस मैदान में गोरखा टिक गए, वहां दुश्मन कभी टिक नहीं पाया। गोरखा सैनिकों की ‘खुकरी’ केवल हथियार नहीं, बल्कि मातृभूमि की रक्षा का प्रतीक है।”

उन्होंने आगे कहा कि अमर वीर मेजर दुर्गा मल्ल, परमवीर चक्र विजेता धन सिंह थापा और अशोक चक्र विजेता नर बहादुर थापा जैसे असंख्य गोरखा वीरों ने भारत माता की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि “उनका बलिदान भारत की आत्मा में अमर है।”

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आज गोरखा समाज केवल सीमाओं की रक्षा में ही नहीं, बल्कि राज्य के विकास, शिक्षा, व्यवसाय और सामाजिक जीवन के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि “गोरखा समाज की मेहनत, अनुशासन और निष्ठा उत्तराखंड की पहचान बन चुकी है। राज्य सरकार इस समाज के योगदान को सदा सम्मानपूर्वक नमन करती है।”

कार्यक्रम में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि गोरखा रेजिमेंट के जवानों ने हर युद्ध में अपनी अदम्य वीरता और शौर्य का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि “गोरखा समाज न केवल सीमाओं की सुरक्षा करता है, बल्कि राज्य के सर्वांगीण विकास में भी अपनी अहम भूमिका निभा रहा है।”

इस अवसर पर विधायक सविता कपूर, सचिव केंद्रीय सैनिक कल्याण बोर्ड ब्रिगेडियर डी.एस. बसेड़ा, ऑल इंडिया गोरखा एक्स-सर्विसमेन्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष कर्नल आर.एस. क्षेत्री, गोर्खाली सुधार सभा के अध्यक्ष पद्म सिंह थापा, ले.ज. (रिटायर्ड) ए.के. सिंह, ले.ज. (रिटायर्ड) राम सिंह प्रधान, मेजर (रिटायर्ड) सम्मी सब्बरवाल और मेजर (रिटायर्ड) बी.एस. थापा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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