NCAHP को कैबिनेट से मंजूरी पर डॉ. उनियाल ने जताया आभार, कहा- स्वास्थ्य क्षेत्र में लाएगा नई क्रांति….

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उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट द्वारा राष्ट्रीय सहबद्ध ( एलाएड) और स्वास्थ्य रेखदेख वृत्ति  आयोग ( NCAHP) पारित  होने के बाद स्टूडेंट असोसिएशन आफ़ फिजिकल थेरेपी (एसएपीटी इंडिया) व एनबीएफ भारत के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष  एवं पीजीआई चंडीगढ़ के फिजीयोथेर्पीसट डा० अनिरुद्ध उनियाल जी ने कैबिनेट के इस ऐतिहासिक निर्णय पर उत्तराखंड के यशस्वी मा० मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी व पूरी कैबिनेट का ह्रदय  की गहराई से धन्यवाद व आभार व्यक्त किया और कहा कि यह प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में क्रांति साबित होगा। डा० उनियाल ने  कहा कि यह फैसला पूरे प्रदेश के फिजीयोथेरेपी डाक्टर व समस्त एलाइड हेल्थकेयर प्रोफेशनल के सर्वांगीण विकास में मील का पत्थर है, उन्होंने बताया कि 24 मार्च  2021 को लोकसभा से  NCAHP विधेयक पास हुआ था, यह विधेयक मा० प्रधानमंत्री जी की नेतृत्व वाली सरकार का एक ऐतिहासिक कदम था लेकिन उसके बाद एसएपीटी इंडिया इसके राष्ट्रव्यापी क्रियान्वयन के लिए  निरंतर संकल्पित रही,काउंसिल के गठन में फिजीयोथेरेपी का इतिहास संघर्षपूर्ण है ,इसी कमीशन के लागू करने के लिए टीम एसएपीटी ने मा० प्रधानमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री, व अन्य कई प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा था,

जिसके अंतर्गत डा० उनियाल ने अक्टूबर 2023 मे मा० मुख्यमंत्री उत्तराखंड जी के सामने राज्य के स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए 3 मूलभूत  सूझाव का ज्ञापन सौंपा  था , जिनमे से 2 सूझाव ( सोटो उत्तराखंड, एनसीएएचपी पारित )पास हो चुके है और एक ( प्रदेश का पहला सरकारी फिजीयोथेरेपी कॉलेज) जल्दी क्रियान्वयन होने की अपेक्षा है। डा० उनियाल ने कहा कि यह कमीशन स्वास्थ्य के क्षेत्र को अब केवल डाक्टर केंद्रित न रखकर मरीज केंद्रित करेगा , कमीशन में फिजियोथेरेपी की परिभाषा डब्ल्यूएचओ, आईएलओ एवं आईएससीएफडब्ल्यू  के आधार पर है जिसमें साफ साफ  शब्दो  में “फिजीयोथेरेपी  को एक स्वायत्त  प्रोफेशनल” कहा गया है, साथ ही राज्य स्तर  पर कमीशन, रजिस्ट्रेशन एवं पेनल्टी  का भी प्रावधान  है जो कि अवैध  प्रेक्टिस पर रोक लगाएगा, इस कमीशन के माध्यम से स्वास्थ्य  सेवाए गांव एवं देहात में सुगम रुप से पहुंच पाऐंगी,यह कमीशन  फिजियोथेरेपी  एवं अन्य  एलाएड हेल्थ केयर प्रोफेशनल  के आत्मसम्मान व गौरव  को प्रदान  कर स्वास्थ्य के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत एवं स्वावलम्बी उत्तराखंड की ओर एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा और यह मा० प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के ‘सबका साथ सबका विकास’ के मंत्र का सबसे उचित उदाहरण है ।

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