उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने हाल ही में देहरादून के एक सरकारी विद्यालय में शिक्षिका से छेड़छाड़ के आरोपी शिक्षक के स्थानांतरण पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इसे समस्या का समाधान न मानते हुए, आरोपी की मानसिकता और विद्यालय में छात्राओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर बल दिया। मामला तब सामने आया जब एक शिक्षिका ने जिला शिक्षा अधिकारी प्रेमलाल भारती को लिखित शिकायत दी,
जिसमें आरोप था कि शिक्षक मोहम्मद इलियास ने उसे गलत नीयत से स्पर्श किया। शिकायत के बाद आरोपी को डोईवाला खंड कार्यालय से संबद्ध किया गया और तीन दिन बाद उसका स्थानांतरण कालसी के एक दूरस्थ विद्यालय में कर दिया गया। हालांकि, प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीड़िता ने थाने में शिकायत करने से मना कर दिया है।

महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल से भी वार्ता की। उन्होंने कहा कि आरोपी का स्थानांतरण इस गंभीर समस्या का समाधान नहीं है। उन्होंने शिक्षा विभाग से मामले की जांच रिपोर्ट मांगी और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता जताई। कुसुम कंडवाल ने कहा कि यदि विद्यालय में महिला शिक्षक ही सुरक्षित नहीं हैं, तो समाज की बच्चियां कैसे सुरक्षित रह सकती हैं।
उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की स्थापना महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और उन्हें न्याय दिलाने के लिए की गई थी। यह आयोग महिलाओं से संबंधित मामलों की जांच करता है, सरकार को सिफारिशें करता है और महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में हस्तक्षेप करता है । इस मामले में आयोग की सक्रियता और कड़ी प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों के प्रति गंभीरता से काम किया जा रहा है।

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