पौड़ी – उत्तराखंड के पौड़ी जनपद में जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान प्रशासनिक नवाचारों और जनसरोकारों के प्रति संवेदनशील कार्यशैली के चलते सुर्खियों में हैं। आमजन से सीधा संवाद, त्वरित शिकायत निस्तारण और गांव-गांव रात्रि चौपालों के माध्यम से उन्होंने प्रशासन को लोगों के और अधिक करीब ला दिया है।
डॉ. चौहान ने सीएम हेल्पलाइन पर आई शिकायतों की स्वयं मॉनिटरिंग करते हुए सीधे शिकायतकर्ताओं से फोन पर बात की और तुरंत समाधान सुनिश्चित कराया। इस पहल से न सिर्फ जनता में विश्वास बढ़ा, बल्कि पौड़ी जनपद प्रदेश के शीर्ष शिकायत निस्तारण जिलों में भी शामिल हो गया।

उनकी पहल ‘रात्रि चौपाल’ के अंतर्गत 64 अधिकारियों ने 312 गांवों में जाकर ग्रामीणों से सीधा संवाद किया, जिसमें जिलाधिकारी स्वयं वरिष्ठ अधिकारियों संग दूरस्थ इलाकों में पहुंचे। उन्होंने रात्रि प्रवास कर समस्याएं सुनीं और अधिकतर मामलों का समाधान मौके पर ही किया। डॉ. चौहान का मानना है कि समस्याओं का समाधान दफ्तरों में नहीं, बल्कि जनता के बीच जाकर निकलता है।
त्वरित समाधान दल: समस्याओं का फौरन निस्तारण
मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई ‘त्वरित समाधान दल’ योजना का पायलट जनपद पौड़ी को बनाया गया। इस योजना के तहत अब तक 319 शिकायतें दर्ज हुई हैं, जिनमें से 290 का समाधान तुरंत किया गया है। जिलाधिकारी के नेतृत्व में एक कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है, जहां फोन के माध्यम से लोगों की समस्याएं सुनी जाती हैं और संबंधित अधिकारियों को शीघ्र समाधान के निर्देश दिए जाते हैं।
मुख्यमंत्री ने इस योजना की सफलता पर संतोष जताया और इसे राज्य के अन्य जिलों के लिए प्रेरणास्रोत बताया। वर्चुअल संवाद के दौरान उन्होंने स्वयं भी शिकायतें सुनीं और पौड़ी प्रशासन के कार्यों की सराहना की।
पौड़ी बन रहा है मॉडल जनपद
शिक्षा, स्वास्थ्य, सुशासन और डिजिटल गवर्नेंस के क्षेत्रों में तेजी से प्रगति करते हुए पौड़ी जनपद राज्य का मॉडल जिला बनकर उभर रहा है। युवाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण, योजनाओं की गांव-गांव तक पहुँच और पारदर्शी जनसुनवाई प्रणाली ने जिले की छवि को एक नई ऊंचाई दी है।
डॉ. आशीष चौहान की कार्यशैली में गुणवत्ता सर्वोपरि रही है। उनका स्पष्ट मानना है कि कार्य केवल पूर्ण नहीं बल्कि प्रभावी और जनहितकारी होने चाहिए।
आंकड़ों की जुबानी सफलता
- सीएम हेल्पलाइन पर पिछले दो वर्षों में 2,562 शिकायतकर्ताओं से जिलाधिकारी ने सीधे संवाद किया और समस्याओं का समाधान कराया।
- गर्मियों में पेयजल संकट को देखते हुए बनाए गए कंट्रोल रूम में आई 55 शिकायतों में से 50 का समाधान हो चुका है।
जनसरोकारों की इस प्रतिबद्ध कार्यशैली ने न केवल पौड़ी में प्रशासन को जनोन्मुखी बनाया है, बल्कि राज्य के अन्य जनपदों को भी नई दिशा दी है।

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