पौड़ी- जयहरीखाल, पौड़ी गढ़वाल, भक्त दर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जयहरीखाल में आयोजित देव भूमि उद्यमिता कार्यक्रम के सातवें दिन नोडल प्रभारी डॉ. विक्रम सिंह ने छात्रों को उद्यमिता विशेषज्ञ हिमांशु बार्थवाल और राहुल से परिचित कराया। इन विशेषज्ञों के पास आतिथ्य और सेवा क्षेत्र में व्यापक अनुभव है, जिससे छात्रों को उद्यमिता के नए आयामों से अवगत कराया गया। कार्यक्रम के दौरान हिमांशु बार्थवाल ने “होमस्टे” विषय पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने उत्तराखंड में आतिथ्य क्षेत्र में मौजूद अवसरों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि राज्य सरकार उद्यमिता शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता और सब्सिडी प्रदान कर रही है। उन्होंने होमस्टे से संबंधित विभिन्न योजनाओं और तस्वीरों के माध्यम से इसके महत्व को समझाया।
बार्थवाल ने होमस्टे के कमरों को सजाने के लिए ऐपर्ण आर्ट के महत्व पर जोर दिया और सुझाव दिया कि होमस्टे को गूगल मैप पर रजिस्टर करना चाहिए, ताकि इसे वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित किया जा सके। उन्होंने होमस्टे के लिए मूलभूत आवश्यकताएं भी साझा कीं, जिनमें शामिल हैं:
1. होमस्टे मालिक के घर से जुड़ा होना चाहिए।
2. कमरा अच्छा और पारंपरिक रूप से सजाया गया होना चाहिए।
3. होमस्टे में अधिकतम 6 कमरे होने चाहिए।
4. एक समय में 12 लोगों तक की क्षमता होनी चाहिए।
महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो डॉ. एल आर राजवंशी द्वारा इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा, “यह कार्यक्रम छात्रों को उद्यमिता के क्षेत्र में नए अवसरों और संभावनाओं से अवगत कराने के लिए आयोजित किया गया है। हमारा उद्देश्य छात्रों को स्वरोजगार के प्रति प्रेरित करना और उन्हें उत्तराखंड की संस्कृति और पर्यटन क्षेत्र में योगदान देने के लिए तैयार करना है। हिमांशु बर्थवाल और राहुल के अनुभवों से छात्रों को निश्चित रूप से लाभ मिलेगा।” इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक रश्मि ,डॉ डी एस चौहान, वरुण कुमार, डॉ दुर्गा रजक, डॉ प्रीति रावत,वी के सैनी, डॉ शुऐब अजीम अंसारी, डॉ शहजाद, विमल रावत,रूप सिंह आदि मौजूद रहे।


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