काशीपुर– वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव जितेंद्र सरस्वती ने कहा कि स्मार्ट मीटर लगाने के नाम पर उत्तराखंड की सरकार एक बार फिर गरीबों को उत्पीड़न करने का काम कर रही है। स्मार्ट मीटर लगाने के बहाने ऊर्जा निगम के निजीकरण का काम किया जा रहा है। पूरे उत्तराखंड में स्मार्ट मीटर लगाने का काम अदानी की कंपनी को मिला है,लेकिन मीटर पर केवल कंपनी का नाम लिखा है। पीसीसी सचिव सरस्वती ने कहा कि पूरे प्रदेश में कमीशन खोरी का राज है, सरकार विभागों के भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लग पा रही है।
स्मार्ट मीटर लगाने पर 2 महीने की सिक्योरिटी किस आधार पर ली जा रही है। ऊर्जा विभाग और सरकार का तंत्र लोगों को गुमराह करने का काम कर रहा है, जबकि स्मार्ट और प्रीपेड मीटर एक सिक्के के दो पहलू है। कांग्रेसी नेता सरस्वती ने कहा कि क्या सरकार बताएगी कि प्रीपेड मीटर में बैलेंस खत्म होने पर परीक्षा की तैयारी कर रहे किसी छात्र का देहाती बिजली कट होने पर भविष्य कैसे सुरक्षित रह पाएगा । सरकारी विभागों में अक्सर सर्वर डाउन होने पर उपभोक्ताओं को परेशानी होती है। सरकार को चाहिए कि पहले ऊर्जा निगम को अडानी की कंपनी का गुलाम बनाने से रोका जाए उसके बाद प्रीपेड और स्मार्ट मीटर की बात की जाए। ऊर्जा निगम का निजीकरण कांग्रेस सहन नहीं करेगी।
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