Breaking News

BIG BREAKING: सुप्रीम कोर्ट में हल्द्वानी बनभूलपुरा मामला फिर टला, अब 16 दिसंबर को होगी सुनवाई सुरक्षा व्यवस्था बनी कड़ी…. रुद्रपुर: डीएम नितिन सिंह भदौरिया ने किया न्यायालय का वार्षिक निरीक्षण, पत्रावलियों को सुव्यवस्थित रखने के निर्देश…. रुद्रपुर: युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की पहल तेज़ वीर चंद्र सिंह गढ़वाली व होमस्टे योजना के आवेदकों के साक्षात्कार संपन्न…. रुद्रपुर: मानवाधिकार दिवस पर महिलाओं को मिली जागरूकता की शक्ति, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से बचाव पर खास सत्र…. धामी कैबिनेट के ऐतिहासिक फैसले: नैनी सैनी एयरपोर्ट अब AAI के हवाले, किसानों से लेकर कारोबार तक…. उत्तराखंड को केंद्र से 1700 करोड़ की सौगात ग्रामीण सड़कों से विकास को मिलेगी नई रफ्तार….

परिवहन निगम में ढांचा पुनरीक्षण पर विवाद तेज—कर्मचारी परिषद का कड़ा विरोध, निजीकरण की आशंका गहराई..

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

ख़बर शेयर करें -

परिवहन निगम में प्रस्तावित नए ढांचा पुनरीक्षण को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद, कुमाऊँ क्षेत्र ने निगम मुख्यालय द्वारा तैयार किए गए प्रस्तावित ढांचे पर गंभीर आपत्ति जताते हुए इसे कर्मचारी एवं निगम—दोनों के हितों के विपरीत बताया है। परिषद का कहना है कि नए ढांचे में नॉर्म्स (Norms) को नजरअंदाज करते हुए कई उत्पादकता आधारित पदों को समाप्त या कम कर दिया गया है, जो न केवल अनुचित है बल्कि कार्यप्रणाली को सीधे प्रभावित करेगा।

कर्मचारी संगठन ने आरोप लगाया कि निगम प्रबंधन का यह कदम कहीं न कहीं रोडवेज निगम को धीरे-धीरे समाप्त कर पूर्ण निजीकरण की दिशा में आगे बढ़ने का संकेत देता है। परिषद ने इसे गंभीर षड्यंत्र और कर्मचारियों के भविष्य पर सीधा प्रहार बताया है।

परिषद ने यह भी स्पष्ट किया कि इससे पूर्व निगम मुख्यालय ने उत्तराखण्ड परिवहन निगम के सभी सक्रिय संगठनों से ढांचे के पुनरीक्षण हेतु सुझाव मांगे थे। परिषद के प्रांतीय नेतृत्व ने सभी आवश्यक प्रस्ताव समय पर उपलब्ध कराए, लेकिन प्रबंधन ने इन्हें पूरी तरह दरकिनार करते हुए मनमर्जी से ढांचा पुनरीक्षित कर दिया, जिससे कर्मचारी संगठन में गहरा आक्रोश है।

इसी क्रम में, 15 नवम्बर 2025 को आयोजित बैठक से पूर्व निगम मुख्यालय ने पुनरीक्षित ढांचा मंडल/डिपो के सभी अधिकारियों को भेजते हुए यह निर्देश दिया था कि वे प्रस्ताव का अध्ययन कर अपनी स्पष्ट आख्या/मत बैठक में प्रस्तुत करेंगे। लेकिन जमीनी स्तर पर स्वीकृत पदों और आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर कोई उचित समीक्षा नहीं की गई, जिससे स्थिति और अधिक उलझ गई है।

रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मांग की है कि—

  • क्षेत्र में स्वीकृत पदों की वास्तविक स्थिति के अनुसार समीक्षा की जाए।
  • NA (नॉर्म्स) के अनुसार ही ढांचा प्रस्तावित किया जाए।
  • उत्पादकता के पदों को किसी भी परिस्थिति में न समाप्त किया जाए, न कम किया जाए।
  • समान ग्रेड-पे वाले पदों के एकीकरण हेतु परिषद द्वारा भेजे गए पूर्व प्रस्तावों को शामिल किया जाए।

परिषद ने अपने पूर्व प्रेषित प्रस्तावों की प्रतिलिपि भी पुनः संलग्न कर भेजी है, ताकि ढांचे के अंतिम निर्धारण में इसका उचित संदर्भ लिया जा सके।

कर्मचारी संगठन ने स्पष्ट किया कि यदि निगम मुख्यालय द्वारा वर्तमान में प्रस्तावित ढांचे को लागू किया गया, तो परिषद एवं प्रदेशभर के रोडवेज कर्मचारी कड़े आंदोलनात्मक कदम उठाने को बाध्य होंगे, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी निगम प्रबंधन की होगी।

और पढ़ें

error: Content is protected !!