लालकुआं – मोटाहल्दू क्षेत्र में जमरानी नहर निर्माण के दौरान निकाली गई खनन सामग्री को जयपुर खीमा गांव में अवैध रूप से स्टॉक किए जाने के विरोध में ग्रामीणों और समाजसेवियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। व्यापार मंडल अध्यक्ष संदीप पांडे और राज्य आंदोलनकारी डॉ. बालम सिंह बिष्ट के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल रहीं।
ग्रामीणों का आरोप था कि बिना अनुमति के स्टॉक किया जा रहा खनन सामग्री उनके लिए परेशानी का कारण बन रही है। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि इस पर तुरंत रोक नहीं लगाई गई तो वे उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

प्रशासन ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
प्रदर्शन की गंभीरता को देखते हुए उपजिलाधिकारी (एसडीएम) तुषार सैनी और जमरानी परियोजना के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों से बातचीत की। हालांकि, इस दौरान दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। आखिरकार, उपजिलाधिकारी ने तत्काल खनन सामग्री के स्टॉक पर रोक लगाने और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए।
एसडीएम तुषार सैनी ने बताया कि ग्रामीणों की आपत्ति को देखते हुए परियोजना अधिकारियों को स्टॉक प्रक्रिया रोकने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों ने जताई आपत्ति
ग्रामीणों का कहना है कि नहर निर्माण की आड़ में 24 घंटे अवैध खनन हो रहा है, जिससे सड़कें जर्जर हो गई हैं और ओवरलोड वाहनों के कारण दुर्घटनाओं का खतरा बना हुआ है। उन्होंने खनन की विभागीय जांच और स्टॉक की अनुमति की पुष्टि की मांग की।
फिलहाल, प्रशासन के आश्वासन के बाद धरना समाप्त कर दिया गया है, लेकिन ग्रामीणों ने साफ कर दिया है कि यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे फिर से आंदोलन के लिए तैयार हैं।

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