देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने पर्वतीय होली के मद्देनजर 15 मार्च 2025 (शनिवार) को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। इस अवकाश के तहत प्रदेश के सभी शासकीय और अशासकीय कार्यालय, शैक्षणिक संस्थान, स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे, जबकि बैंक, कोषागार और उप-कोषागार पूर्व निर्धारित समय पर खुले रहेंगे।
सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, यह अवकाश प्रदेश में पारंपरिक पर्वतीय होली के उत्सव को ध्यान में रखते हुए घोषित किया गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में होली का विशेष महत्व है, जहां यह उत्सव गायन, नृत्य और सामूहिक आयोजनों के माध्यम से उल्लासपूर्वक मनाया जाता है।
क्या है पर्वतीय होली?
उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में होली केवल रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि संस्कृति, परंपरा और संगीत का संगम है। इसे कई प्रकारों में मनाया जाता है, जैसे –
- बैठकी होली – इसमें पारंपरिक शास्त्रीय संगीत और भजनों के साथ होली गीत गाए जाते हैं।
- खड़ी होली – इसमें स्थानीय लोग रंग-बिरंगे परिधानों में एकत्र होकर पारंपरिक गीतों और नृत्य के साथ होली का आनंद लेते हैं।
- महिला होली – इसमें महिलाएं समूह में लोकगीत गाते हुए होली मनाती हैं।
प्रदेशवासियों के लिए खुशखबरी
सरकार के इस निर्णय से उत्तराखंड के लोगों को पर्वतीय होली मनाने के लिए अधिक समय मिलेगा और वे अपनी संस्कृति व परंपरा को संरक्षित करते हुए इस उत्सव का आनंद ले सकेंगे। राज्यपाल द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया कि इस अवकाश का उद्देश्य प्रदेशवासियों को पर्वतीय होली की समृद्ध परंपरा से जुड़ने का अवसर प्रदान करना है।
बैंक रहेंगे खुले
हालांकि, बैंक, कोषागार और उप-कोषागार इस दिन खुले रहेंगे ताकि आर्थिक और बैंकिंग कार्य प्रभावित न हों।
होली के रंगों में रंगेगा उत्तराखंड
उत्तराखंड के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पर्वतीय होली की तैयारियां पहले से ही जोरों पर हैं। खासकर कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्रों में होली का विशेष उल्लास देखने को मिलता है। बाजारों में रंग, गुलाल, पिचकारियां और पारंपरिक पकवानों की खरीदारी शुरू हो चुकी है।
सरकार द्वारा घोषित इस अवकाश से पर्वतीय होली का उत्साह और भी बढ़ गया है, जिससे लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर इस सांस्कृतिक पर्व का आनंद उठा सकेंगे।

