हल्द्वानी: रमज़ान का मुबारक महीना इबादत और संयम का संदेश लेकर आता है। इस पवित्र महीने में जहां बड़े रोज़ा रखकर अल्लाह की इबादत में मशगूल रहते हैं, वहीं छोटे बच्चे भी इस परंपरा को अपनाने की कोशिश करते हैं। हल्द्वानी के गोलापार क्षेत्र के रोज़ मेरी पब्लिक स्कूल में यूकेजी में पढ़ने वाले 6 साल के अरसलान ने इस साल पहली बार रोज़ा रखा, जिससे उनके परिवार और समुदाय में खुशी का माहौल है।
अरसलान के माता-पिता नईम खान और बबली नाज़ का कहना है कि बेटे ने खुद ही रोज़ा रखने की इच्छा जताई थी, जिसे देखकर वे बेहद खुश हैं। अरसलान पूरे दिन संयम और धैर्य के साथ रोज़े में रहे और शाम को इफ्तार किया।
इस उम्र में अरसलान की यह कोशिश न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणादायक है। रमज़ान का यह पाक महीना बच्चों को संयम, अनुशासन और धार्मिक मूल्यों की सीख देने का अवसर देता है, और अरसलान ने अपने पहले रोज़े से इसकी एक खूबसूरत मिसाल पेश की है।

