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पर्यटन नगरी टिहरी की झील में पड़ा सन्नाटा

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टिहरी – (जितेन्द्र कठैत) पर्यटन नगरी टिहरी की झील में पर्यटकों का सन्नाटा पड़ा हुआ है यहां पर सिर्फ बोट मालिक और बोट चालक ही नजर आ रहे हैं  टिहरी झील के यूनियन अध्यक्ष लखवीर चौहांन बोट चालक हीरा मणि और बोट मालिक लोकमान सिंह रावत का कहना है कि इस कोरोना बिमारी में सभी बोट मालिको और चालकों को अपना घर चलाना असम्भव हो गया है क्योंकि सरकार ने कई जगहों में पर्यटन पर ढिलाई बरती लेकिन हमारी टिहरी झील में बोटिंग बन्द करने में अपनी कोई कसर नही छोड़ी, कुछ पर्यटक आ भी जाते हैं तो किसी के पास डबल डोज वैक्सीन का प्रमाण पत्र नही होते और किसी के पास आरटीपीसीआर की रिपोर्ट नही होती है एक बोट पर 50% से कम यात्री ले जाने की गाइड लाइन जारी की गई है जिससे हमें काफी परेशानी हो रही है और पर्यटक और  बोट चालक सिर्फ टिहरी झील के मूकदर्शक ही बने रहते हैं न पर्यटक झील में बोट का आनन्द ले सकते हैं और न ही हमे कोई रोजगार के अवसर दिखाई दे रहे हैं और यह भी जानकारी दी कि एक बोट में सरकार व बोट की फिटनिश एवं मेन्टिनेंन्स पर 1लाख 20 हजार सलाना खर्चा आ जाता है हम यह खर्चा पूरा ही नही कर पा रहे हैं पिछले वर्ष सरकार ने कुछ टेक्स कम किया हुआ था लेकिन इस वर्ष कोई आसार नही दिखाई देते और बैंक की क़िस्त हमे रोज दिन रात खाये जा रही है दिन प्रतिदिन महंगाई बढ़ते जा रही है। घर चलाना हमें असम्भव हो गया है जिससे हमारी जिंदगी एक झील की मुक़दर्शक बनी हुई है । तथा इसमे सामाज विज्ञानी डॉ किरन पुरोहित जयदीप ने कहा कि सरकार को इन लोगों के रोजगार के लिए लोकल पर्यटकों में कुछ ढिलाई के गाइड लाइन जारी करने चाहिए जिससे इनकी जीविकोपार्जन के लिए पर्यटक कुछ मददगार साबित होंगे । और सभी पर्यटकों को यह भी सन्देश दिया कि सभी पर्यटक अपने साथ अपनी आरटीपीसीआर व डबल डोज वैक्सीन की रिपोर्ट साथ मे लेकर आएं जिससे आप इस ऐतिहासिक टिहरी झील का आंनद ले पाएंगे।

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