हल्द्वानी- बृहस्पतिवार को स्टेडियम के किनारे लगे वायरक्रेट का कुछ हिस्सा नदी में समा गया है। नदी का जलस्तर और बढ़ता है तो स्टेडियम फिर से खतरे की जद में आ सकता है। खतरे के निशान से ऊपर बह रही गौला नदी का रुख अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम गौलापार की ओर हो गया है। स्टेडियम के बचाव के लिए किए गए अस्थाई कार्यों को नदी ने नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है।
बृहस्पतिवार को स्टेडियम के किनारे लगे वायरक्रेट का कुछ हिस्सा नदी में समा गया है। नदी का जलस्तर और बढ़ता है तो स्टेडियम फिर से खतरे की जद में आ सकता है। 190 करोड़ की लगात से बने गौलापार स्टेडियम को गौला नदी बीते दो साल से नुकसान पहुंचा रही है। स्थायी सुरक्षा कार्यों में हो रही लेटलतीफी के चलते स्टेडियम का डेढ़ हेक्टेयर का हिस्सा नदी में समा चुका है।
सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर नुकसान का जायजा लिया और लगातार स्टेडियम पर नजर बनाए हुए हैं। इस साल जुलाई में हुई बारिश के चलते स्टेडियम का 400 मीटर का हिस्सा भूस्खलन की चपेट में आ गया था। इसके बाद सीएम ने स्टेडियम का दौरा कर सुरक्षा कार्यों के जल्द पूरा करने के निर्देश दिए थे। सिंचाई विभाग की ओर से करीब एक करोड़ की लागत से सुरक्षा कार्य किए गए। नदी का रुख 30 मीटर दूर किया गया था।