रुद्रपुर – छह सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का क्रमिक अनशन और धरना प्रदर्शन गुरुवार को भी जारी रहा। आंदोलन के समर्थन में पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल धरना स्थल पर पहुँचे और कार्यकत्रियों से संवाद स्थापित किया। उन्होंने उनकी समस्याएँ सुनीं और आंदोलन को अपना पूर्ण समर्थन देते हुए कहा कि सरकार को उनकी न्यायसंगत मांगों पर तुरंत ठोस निर्णय लेना चाहिए।
कार्यकत्रियों ने बताया कि वे 14 नवंबर से उत्तराखंड राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के बैनर तले आंदोलनरत हैं, लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि मार्च 2024 में सरकार ने मानदेय वृद्धि हेतु कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया था, परंतु वह कमेटी आज तक केवल कागज़ों तक सीमित रही है और व्यावहारिक स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

कार्यकत्रियों की छह सूत्रीय मांगों में उन्हें राज्य कर्मचारी का दर्जा देने, सुपरवाइजर के रिक्त पदों पर पदोन्नति, सेवानिवृत्ति पर आर्थिक सहायता, न्यूनतम पाँच लाख रुपये की सेवानिवृत्ति राशि, सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार ग्रेच्युटी लाभ लागू करने, और फेस कैप्चर प्रणाली को समाप्त करने जैसी प्रमुख मांगें शामिल हैं। उनका कहना है कि वे दिन-रात मेहनत करती हैं, लेकिन उन्हें न तो सम्मानजनक मानदेय मिलता है और न ही मूलभूत सुविधाओं का लाभ।
पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने कार्यकत्रियों की समस्याओं को पूर्णतः न्यायसंगत बताया और कहा कि सरकार को इन मुद्दों पर संवेदनशील रवैया अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने शीघ्र हस्तक्षेप नहीं किया, तो आंदोलन को व्यापक रूप दिया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे कार्यकत्रियों की आवाज को मजबूती से सरकार तक पहुँचाएंगे।
धरना स्थल पर संगठन की प्रदेश अध्यक्ष सुशीला खत्री सहित अनीता सिंह, हंसा लोहनी, रूचिका घई, माधुरी शर्मा, रचना खुराना, सुरेखा चौहान, अनीता कटारिया, तारा भट्ट, अमृत कौर, अनीता राजकुमारी, शीतल, पूनम यादव, कमला, सारिका, मीरा, शोभा, मीना, भावना, सोमा, गीता रानी, मीरा गुप्ता, प्रियंका, भावना सक्सेना समेत बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियाँ मौजूद रहीं।
पूर्व विधायक के समर्थन से आंदोलन को नया बल मिला है। कार्यकत्रियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगों पर सरकार से लिखित आश्वासन या ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक उनका धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा।

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