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कोटद्वार में बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों के लिए आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला….

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कोटद्वार राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार के बी.एड. विभाग और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में “शिक्षा में नाटक एवं कला: अभिव्यक्ति से सृजन तक” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रशिक्षणार्थियों को कला और नाटक के माध्यम से बच्चों के सर्वांगीण विकास के महत्व से अवगत कराना था।

मुख्य आकर्षण:

  • कार्यक्रम का उद्घाटन: महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. डी.एस. नेगी और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के प्रियंवद जी ने संयुक्त रूप से किया।
  • प्रमुख वक्तव्य: प्रियंवद जी ने नाटक और कला के माध्यम से बच्चों के सर्वांगीण विकास के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रो. नेगी ने शिक्षकों को कला और मनोरंजन के महत्व को समझने की आवश्यकता पर बल दिया।
  • कार्यशाला की संरचना: प्रशिक्षणार्थियों को समूहों में बांटकर नाटक तैयार करने और उसका मंचन करने का अवसर प्रदान किया गया।
  • समापन सत्र: कार्यशाला के समापन पर प्रमाण पत्र वितरित किए गए, जिसमें प्राचार्य और विभागाध्यक्ष ने प्रशिक्षणार्थियों को सम्मानित किया।

उल्लेखनीय योगदान:

  • डॉ. बी.सी. शाह: कार्यशाला के संयोजक के रूप में इसे एक यात्रा की तरह बताया, जिसमें टीम वर्क और आत्म-समझ के माध्यम से सीखने का अवसर मिला।
  • खुशी पंवार: कार्यक्रम की संचालनकर्ता ने नाटक और कला के माध्यम से शिक्षा के महत्व पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

इस कार्यशाला ने प्रशिक्षणार्थियों को न केवल नाटक और कला के माध्यम से बच्चों के विकास के महत्व को समझने का अवसर प्रदान किया, बल्कि उनके भीतर के कलाकार को भी उजागर किया।

कार्यशाला में डॉ. सुषमा थलेडी, डॉ. एस.के. आर्य, डॉ. सुनीता नौटियाल, डॉ. डी.के. मौर्य, डॉ. डी.बी. सिंह, शोध छात्र प्रज्ञा सुंदरियाल, सीमा राणा, असीमा खान, मनोज खुल्बे, सूरज सिंह भाकुनी, अपूर्वा सिंह और बी.एड. प्रथम वर्ष के सभी प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे।

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