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धूमधाम के साथ मनाई गई संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर की 132 वीं जयंती……

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रूद्रपुर-भारत रत्न डॉक्टर भीमराव आंबेडकर जी की जयंती डॉक्टर बी आर अंबेडकर जन सेवा एवं शिक्षण विकास समिति की ओर से धूमधाम से मनायी गई। समिति की ओर से मेन बाजार स्थित डा. अंबेडकर पार्क में जयंती कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसका शुभारम्भ मुख्य अतिथि प्रदेश के कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य, अति विशिष्ठ अतिथि आईजी नीलेश आनन्द भरणे, कार्यक्रम अध्यक्ष महापौर रामपाल सिंह ने संयुक्त रूप से किया। अतिथियों ने बाबा साहब की मूर्ति पर माल्यार्पण करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये। इससे पूर्व बाबा साहब की मूर्ति पर माल्यार्पण और धूप बंदना भी की गयी।

 

कार्यक्रम में वक्ताओं ने भीमराव आंबेडकर के जीवन से लेकर उनके कार्य क्षेत्र व उनकी उपलब्धियों की विस्तृत रूप से प्रकाश डाला और बाबा साहब के आदर्शों को आचरण में उतारने का आह्वान किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि आंबेडकर ने जाति प्रथा का पूर्ण रूप से उन्मूलन कर इंसानियत की नींव रखी। उनमें गांधी का सपना और महात्मा बुद्ध की करुणा दोनों थी। डा. अंबेडकर संविधान निर्माता के साथ प्रख्यात शिक्षाविद् व समाज सुधारक भी थे। उनकी गणना विश्व के महान विद्वानों में की जाती है।

 

वे उत्कृष्ट कोटिक विद्वान थे। उनकी विद्वतापूर्ण योग्यताओं की सराहना सभी के द्वारा की गई है। बाबा साहब ने भारतीय समाज में जाति प्रथा के प्रचलन को दुर्भाग्यपूर्ण माना। उन्होंने जातिप्रथा की पद्धति को दो दृष्टिकोणों से स्पष्ट किया। उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि जाति प्रथा नियतिवाद के रुढिग़्रस्त सिद्धांतों पर आधारित है जो आर्थिक कार्यक्षमता के रूप में फलित नहीं होती। संविधान निर्मात्री सभा में उनकी भूमिका को देखते हुए उन्हें आधुनिक भारत का ‘मनु’ कहा जाता है। उनकी इस बात के लिए प्रशंसा की जाती है कि उन्होंने सुदृढ़ निष्ठा और अत्यधिक परिश्रम के साथ संविधान सभा में स्वतंत्र भारत के संविधान को पारित करवाया। भारत रत्न बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अप्रतिम प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने देश की तन्मयता से सेवा की। वे भारतीय संविधान के शिल्पी ही नहीं थे बल्कि आधुनिक भारत के निर्माताओं में से भी एक थे।

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वे सर्व गुणों के धनी थे। वे एक साथ ही विचारक, लेखक, वक्ता, पत्रकार, राजनीतिज्ञ, समाज सुधारक, विधिवेता, शिक्षक और सांसद थे। बाबा साहब ने नारी मुक्ति के लिए भी सर्वाधिक प्रयास किए। बाबा साहब ने नारी शिक्षा के महत्व को समझा। उनका मानना था कि समाज का कोई भी अंग चाहे वह नारी हो, दलित हो, पिछड़ा वर्ग हो या अन्य कोई हो, उसमें जागृति लाने के लिए शिक्षा की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कुछ सोचने, समझने या चिंतन करने की ताकत शिक्षा से ही संभव है।

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कार्यक्रम में आईजी नीलेश आनन्द भरणे ने कहा कि डॉ. आंबेडकर बुद्ध एवं कबीर की परंपरा के क्रांतिकारी मनीषी थे। उन्होंने सामाजिक बुराइयों के खिलाफ संघर्ष में लगा अपना पूरा जीवन लगा दिया। बाबा साहब के दिखाए रास्ते पर चलकर ही समता मूलक समाज की स्थापना की जा सकती है। उन्होंने कहा कि आज युवाओं को बाबा साहब के आदर्शों से प्रेरणा लेने की जरूरत है। बाबा साहब ने शिक्षित बनने पर सर्वाधिक जोर दिया था। शिक्षा ही व्यक्ति को उंचाईयों तक ले जा सकती है। आज हमें इस विचारधारा पर चलना होगा तभी देश में एकता आएगी। उन्होंने हमेशा समाज के दबे, कुचले तथा गरीब लोगों के हित के लिए कार्य किया। संविधान बनाकर देश में कानून स्थापित किया। आज हमें अलग-अलग जाति को छोड़कर सबको एक धागे में पिरोकर रहना होगा।

 

मेयर रामपाल सिंह ने कहा कि बाबासाहेब ने तीन मंत्र दिए थे शिक्षित बनो, संघर्ष करो और संगठित रहो। आज हमें इस विचारधारा पर चलना होगा तभी हमारा समाज आगे बढ़ेगां। बाबा साहब ने ने अपने बुद्धिमत्ता से देश में सबसे बड़ा बदलाव लाने का काम किया। उनके द्वारा बनाये गये संविधान से करोड़ों लोगों के जीवन में जो परिवर्तन आया है। बाबा साहेब की बदौलत ही आज नागरिकों को उनके अधिकार मिले हैं। वंचितों को आगे बढ़ने का मौका मिला है। हम सब को आज बाबा साहब अंबेडकर के बताए गए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है। अंबेडकर जी के विचारों पर चलने वाला एकमात्र राजनीतिक दल भाजपा ही है। भारतीय जनता पार्टी की केंद्र एवं राज्य सरकारों ने बाबा साहब की स्मृतियों से जुड़े स्थानों को सहेजकर पंचतीर्थ का निर्माण किया है। वास्तव में पंचतीर्थ का निर्माण ही महामानव को सच्ची श्रृद्धांजलि है।

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इस अवसर पर उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या, आई जी कुमाऊ रेंज डॉ निलेश आनन्द भरणे, विधायक शिव अरोरा, पूर्व दर्जा राज्यमंत्री सुरेश परिहार, अनिल चौहान, दीपक गुलाटी, उत्तम दत्ता, श्री कान्त राठौर, भारत भूषण चुघ, शालिनी बोरा, गीता भारद्वाज, मीना शर्मा, ममता शर्मा, हिमांशु शुक्ला,रामस्वरूप भारती, छोटेलाल, डी पी सिंह, नरेश सागर, केवल कृष्ण भारती, बृजपाल सिंह, ए पी आजाद, कांता प्रसाद सागर, सुशील चौहान, अम्बर सिंह,बबलू सागर, विनय विश्वास, हलदर गहलोत,विजय चौधरी,सुनील बाबा,चंद्रसेन कोली,गिरीश राठौर, किरन राठौर,गजेंद्र प्रजापति, गौरव कुशवाहा, मोहन तिवारी,धीरेंद्र मिश्रा,गोपाल पटेल, बंटी राजोरिया सहित हजारों लोग मौजूद रहे।।

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