उधमसिंह नगर। कुमाऊँ में टैक्स चोरी का खेल खुलेआम चल रहा है और आश्चर्य की बात यह है कि विभागीय अधिकारी सबकुछ जानते हुए भी कार्रवाई करने में नाकाम साबित हो रहे हैं। उधमसिंह नगर से होकर आने वाला यह रास्ता कुमाऊँ का सबसे प्रमुख व्यावसायिक मार्ग है, और यहीं से अधिकांश माल वाहनों की आवाजाही होती है। बावजूद इसके, डिप्टी कमिश्नर एसआईबी / प्रवर्तन एवं सचल दल उधमसिंह नगर की नाक के नीचे से टैक्स चोरी का सामान धड़ल्ले से कुमाऊँ में प्रवेश कर रहा है।
जानकारी के अनुसार कई ट्रांसपोर्ट कंपनियां और व्यापारी सीमावर्ती क्षेत्रों से माल लाकर बिना वैध ई-वे बिल और जीएसटी चालान के

उधमसिंह नगर के रास्ते हल्द्वानी, रुद्रपुर, अल्मोड़ा, बागेश्वर व पिथौरागढ़ तक माल भेज रहे हैं। विभागीय निगरानी तंत्र होने के बावजूद अब तक किसी बड़ी कार्रवाई का अभाव सवाल खड़े कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि कुछ मामलों में अधिकारियों की मिलीभगत से टैक्स चोरी को नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व नुकसान हो रहा है।
स्थानीय व्यापारियों ने भी इस पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि ईमानदार व्यापारी टैक्स चुकाते हैं जबकि कुछ लोग मिलीभगत से सस्ते में माल बेचकर बाजार में अनुचित प्रतिस्पर्धा पैदा कर रहे हैं। वहीं, विभागीय स्तर पर केवल औपचारिक जांचें और कागजी कार्यवाही तक ही सीमित रह जाने से टैक्स चोरी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
जरूरत इस बात की है कि डिप्टी कमिश्नर एसआईबी और प्रवर्तन दल मिलकर उधम सिंह नगर मार्ग पर लगातार सघन जांच अभियान चलाएं, ताकि कुमाऊँ क्षेत्र में टैक्स चोरी की जड़ों को समाप्त किया जा सके और राज्य के राजस्व की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

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