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कोर यूनिवर्सिटी द्वारा गुरु सम्मान से सम्मानित हुईं प्रधानाचार्य आरती चितकारिया…….

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रूड़की- रुड़की की कोर यूनिवर्सिटी के वर्धमान ऑडिटोरियम में देश भर से आये हुए शिक्षाविदों के सम्मान में आयोजित भव्य सम्मान कार्यक्रम में राजकीय कन्या इंटरमीडिएट कॉलेज थत्यूड़ की प्रधानाचार्या श्रीमती  आरती चिटकारिया को गुरु सम्मान से सम्मानित किया गया। यूनिवर्सिटी के 25 वर्ष पूरे होने पर सिल्वर जुबली कार्यक्रम मनाया गया। जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से आये शिक्षा, समाज, संस्कृति, साहित्य के प्रति उल्लेखनीय योगदान व विशेष उपलब्धियों के आधार पर चिह्नित किये गए शिक्षाविद सम्मानित किए गए।

 

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि  यूनिवर्सिटी चांसलर डॉ के सी जैन व अध्यक्ष के रूप में वाईस चांसलर डॉ हिमांशु मित्तल ने शिरकत की। यूनिवर्सिटी के कुलपति, कुलाधिपति व अन्य पदाधिकारियों ने आमंत्रित शिक्षाविदों को प्रमाण पत्र व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। कोर यूनिवर्सिटी के वर्धमान सभागार में उल्लेखनीय उपलब्धि प्राप्त शिक्षकों के सम्मान में आहूत गुरू सम्मान समारोह में यूनिवर्सिटी चांसलर के सी जैन ने कहा अपने सम्बोधन में कहा कि शिक्षक का दर्जा समाज में सदैव ऊंचा रहा है। कोई उसे गुरु कोई शिक्षक तो कोई अध्यापक या टीचर कहता है।

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ये सभी शब्द एक ऐसे व्यक्ति को चित्रित करते हैं, जो सभी को ज्ञान देता है, सिखाता है और जिसका किसी भी देश या राष्ट्र के भविष्य का निर्माण करने में महत्वपूर्ण योगदान होता है। यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. हिमांशु मित्तल ने कहा कि सही मायनों में कहा जाए तो एक शिक्षक न केवल अपने विद्यार्थी का जीवन गढ़ता है बल्कि वह समाज की आधारशिला है। एक शिक्षक अपने जीवन के अन्त तक मार्गदर्शक की भूमिका अदा करता है और समाज को राह दिखाता है। इसी कारण उसे समाज में उच्च दर्जा दिया जाता है।

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इस अवसर पर प्रतिकुलपति डॉ0 बी एम सिंह द्वारा आईसीटी का शिक्षा मे प्रयोग कैसे करे विषय पर प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कहा कि शिक्षार्थियों को पर्याप्त कौशल और सर्वांगीण विकास करने के लिए आईसीटी तैयार करती है। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि सीखने की दक्षता और स्मार्टनेस को आईसीटी के उपयोग से बढ़ाया जा सकता है। इस विधा से शिक्षार्थी बेहतर सीखते हैं, ज्ञान को आसानी से समझ लेते हैं, सीखी हुई सामग्री को बनाए रखते हैं और उन्हें व्यावहारिक स्थितियों में आसानी से लागू करते हैं।

 

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बारहवी के बाद बच्चे  केे कैरियर निर्धारण का प्रबंधन यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. मनीष माथुर ने बारहवी के बाद बच्चे केे कैरियर निर्धारण का प्रबंधन कैसे करें पर विचार प्रस्तुत किए। इस अवसर पर यूपी, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखण्ड हिमाचल, आदि राज्यों से शिक्षक शामिल हुए। विद्यार्थियों के द्वारा महिला सशक्तीकरण सहित विभिन्न विषयों पर रोचक प्रस्तुतियां भी दी गईं।

 

प्रधानाचार्या श्रीमती आरती चितकारिया को सम्मान प्राप्त होने पर विद्यालय परिवार, मित्रों सहयोगियों व परिजनों ने हर्ष व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी है। उन्हें इस से पूर्व भी शिक्षा व साहित्य के क्षेत्र में कई सम्मान व पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। उनका मानना है कि प्रत्येक सम्मान उन्हें अपने कार्य के प्रति और अधिक समर्पित होने के लिए प्रेरित करता है।

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