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डॉ. मंजूनाथ टी. सी. — समर्पण, संवेदनशीलता और सेवा की मिसाल….

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शेर अफगन विशेष रिपोर्ट | हल्द्वानी /नैनीताल 29 अक्टूबर 2025 में डॉ. मंजूनाथ टी. सी. को नैनीताल जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP Nainital) के रूप में नियुक्त किया गया है। उन्होंने विधिवत रूप से पदभार ग्रहण किया और कहा —

 “जनता की सेवा और उनकी सुरक्षा मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता है। पुलिस की भूमिका केवल कानून-व्यवस्था तक सीमित नहीं, बल्कि जनता के भरोसे को मजबूत करना भी है।”

उन्होंने पदभार संभालने के बाद जिले के पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर कानून-व्यवस्था की समीक्षा की और आमजन से जुड़े मुद्दों पर संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाने के निर्देश दिए। उनके नैनीताल आने से जिले में एक नई ऊर्जा और अनुशासन की उम्मीद देखी जा रही है।

जीवन परिचय

देश की पुलिस सेवा में कुछ नाम ऐसे होते हैं, जो अपने कार्य और ईमानदारी की वजह से न केवल पुलिस बल, बल्कि पूरे समाज में एक नई पहचान बनाते हैं। उत्तराखंड कैडर के आईपीएस अधिकारी डॉ. मंजूनाथ टी. सी. ऐसा ही एक नाम हैं — जिन्होंने अपनी कार्यशैली, निष्ठा और जनहित के प्रति समर्पण से हर पद पर उल्लेखनीय छाप छोड़ी है।

बेंगलुरु से शुरू हुई यात्रा आज उत्तराखंड पुलिस में प्रेरणा का प्रतीक बन चुकी है। 23 मई 1986 को बेंगलुरु (कर्नाटक) में जन्मे डॉ. मंजूनाथ टी. सी. का बचपन साधारण लेकिन अनुशासित परिवेश में बीता। प्रारंभिक शिक्षा उन्होंने सिद्धगंगा हाई स्कूल, तुमकुर से प्राप्त की, और आगे की पढ़ाई सरवोदय पीयू कॉलेज, तुमकुर से पूरी की।

चिकित्सा क्षेत्र में गहरी रुचि के कारण उन्होंने श्री सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज, तुमकुर से एमबीबीएस (2010) की डिग्री हासिल की। पढ़ाई के दौरान ही उनमें समाज सेवा की भावना और आमजन के जीवन को बेहतर बनाने का विचार गहराई से विकसित हुआ।

चिकित्सा सेवा से प्रशासनिक सेवा तक का सफर

एमबीबीएस के बाद डॉ. मंजूनाथ ने दिल्ली और हरियाणा में एक डॉक्टर के रूप में कार्य किया।
उन्होंने फोर्टिस हॉस्पिटल, फरीदाबाद और सर गंगाराम हॉस्पिटल, नई दिल्ली में 2011 से 2014 तक कार्डियोलॉजी रेज़िडेंट के रूप में सेवाएं दीं।
रोगियों की सेवा के दौरान उन्होंने महसूस किया कि यदि सिस्टम के स्तर पर सुधार हो तो लाखों लोगों के जीवन पर सकारात्मक असर डाला जा सकता है।
यही सोच उन्हें भारत की सर्वोच्च सिविल सेवा परीक्षा की ओर ले गई।

जून 2014 में उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा (Indian Police Service) परीक्षा उत्तीर्ण की और उत्तराखंड कैडर में चयन हुआ। डॉक्टर से आईपीएस बनने की यह यात्रा उनके समर्पण और दृढ़ निश्चय की कहानी कहती है।

पुलिस सेवा की शुरुआत —

आईपीएस अधिकारी के रूप में नियुक्ति के बाद उन्होंने उत्तराखंड पुलिस में कई अहम दायित्व संभाले —

  • ASP/UT, देहरादून (दिसंबर 2015 – जून 2016)
  • ASP, ऊधमसिंहनगर / CO सिटी रुद्रपुर (जून 2016 – मई 2017)
  • ASP, पौड़ी गढ़वाल / CO श्रीनगर
  • ASP, देहरादून / CO ऋषिकेश (जून 2017 – जनवरी 2018)

जनता से सीधा संवाद और पारदर्शी पुलिसिंग उनकी पहचान बनी। उन्होंने हर पद पर जनता के बीच जाकर काम किया — जिससे पुलिस की छवि एक सेवा संस्था के रूप में मजबूत हुई।

एसपी बनने के बाद — सख्त, निष्पक्ष और संवेदनशील पुलिस अधिकारी

जनवरी 2018 में उन्हें पुलिस अधीक्षक (Superintendent of Police) पद पर पदोन्नत किया गया। इसके बाद उनका करियर निरंतर प्रगति पर रहा।

प्रमुख पदस्थापनाएँ:

  • एसपी ट्रैफिक / क्राइम, हरिद्वार: जनवरी 2018 – नवंबर 2019
  • एसपी, जनपद चमोली
  • कमांडेंट, IRB-2 हरिद्वार / SP GRP, उत्तराखंड: दिसंबर 2019 – सितंबर 2021
  • कमांडेंट, 40वीं बटालियन PAC हरिद्वार / SP GRP: सितंबर 2021 – दिसंबर 2021
  • वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, जनपद अल्मोड़ा: दिसंबर 2021 – मार्च 2022
  • वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, ऊधमसिंहनगर: मार्च 2022 – अक्टूबर 2024
  • एसपी, सुरक्षा (SP Security), इंटेलिजेंस मुख्यालय, देहरादून: अक्टूबर 2024 – अक्टूबर 2025

हर जिले में उनकी कार्यशैली एक जैसी रही — सख्त अनुशासन, टीम भावना और अपराध पर जीरो टॉलरेंस।

बहु-करोड़ छात्रवृत्ति घोटाला उजागर करने वाले अधिकारी

देहरादून और हरिद्वार में फैले 200 करोड़ रुपये से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले का पर्दाफाश करने वाली विशेष जांच टीम (SIT) का नेतृत्व भी डॉ. मंजूनाथ टी. सी. ने किया।
यह घोटाला उत्तराखंड के इतिहास के सबसे बड़े घोटालों में से एक था, जिसमें राज्यभर के कई कॉलेज और संस्थान शामिल थे।
उनकी अगुवाई में जांच इतनी गहन और निष्पक्ष रही कि 100 से अधिक एफआईआर दर्ज हुईं, सैकड़ों गिरफ्तारी हुई और चार्जशीटें दाखिल की गईं
इस कार्रवाई ने यह साबित कर दिया कि यदि जांच ईमानदार हो तो किसी भी बड़े तंत्र को कानून के दायरे में लाया जा सकता है।

कुंभ मेला 2021 में अनुशासन और सुरक्षा की मिसाल

कुंभ मेला-2021 के दौरान हरिद्वार में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ और संवेदनशील परिस्थितियों में उन्होंने एसपी अखाड़ा के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कुंभ जैसे विशाल आयोजन को व्यवस्थित रखना अपने आप में चुनौती थी, लेकिन उनके नेतृत्व में पुलिस बल ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
भीड़ नियंत्रण, सुरक्षा व्यवस्था, ट्रैफिक प्रबंधन और श्रद्धालुओं की सुविधा के क्षेत्र में उनके प्रयासों की हर स्तर पर सराहना की गई।

ऊधमसिंहनगर में आधुनिक पुलिसिंग की शुरुआत

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ऊधमसिंहनगर के रूप में उन्होंने पुलिसिंग में कई नवाचार किए।
उन्होंने थानों में तकनीकी व्यवस्था को बढ़ावा दिया, सोशल मीडिया के माध्यम से जनता से संवाद की नई परंपरा शुरू की, और अपराध नियंत्रण में सख्त कार्रवाई की।
उनकी अगुवाई में जिले में कई बड़े आपराधिक गिरोहों का सफाया हुआ और जनता में पुलिस के प्रति भरोसा मजबूत हुआ।

संवेदनशीलता और ईमानदारी की मिसाल

डॉ. मंजूनाथ टी. सी. न केवल एक सख्त पुलिस अधिकारी हैं, बल्कि जनता के प्रति बेहद संवेदनशील भी हैं।
वे हमेशा यही कहते हैं —

“पुलिस का काम केवल अपराधियों को पकड़ना नहीं, बल्कि समाज में भरोसा पैदा करना भी है।”

उनकी नेतृत्व शैली में कठोरता और कोमलता का संतुलन दिखाई देता है। वे अपने अधीनस्थों को प्रेरित करते हैं कि पुलिसिंग का केंद्र जनता होनी चाहिए, न कि केवल कानून की किताब।

एक आदर्श अधिकारी की पहचान

डॉ. मंजूनाथ टी. सी. आज उन अधिकारियों में गिने जाते हैं जिनके लिए सेवा, ईमानदारी और पारदर्शिता सर्वोच्च प्राथमिकता है।
डॉक्टर से आईपीएस बनने की उनकी यात्रा न केवल युवाओं के लिए प्रेरणा है, बल्कि यह बताती है कि अगर मन में दृढ़ निश्चय हो, तो हर रास्ता संभव है।

उनकी अब तक की सेवाएँ उत्तराखंड पुलिस के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज हैं।

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