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जीएसटी मुख्यालय के संरक्षण में फल-फूल रहा भ्रष्टाचार, धामी सरकार की पारदर्शिता नीति को खुली चुनौती!

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उधमसिंह नगर। कुमाऊँ में टैक्स चोरी का खेल अब खुलेआम खेला जा रहा है। विभागीय अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी कार्रवाई करने में नाकाम साबित हो रहे हैं। सड़क पर सिर्फ दिखावे के लिए जीएसटी की टीम खड़ी रहती है, लेकिन जब तक वे मौजूद रहते हैं, टैक्स चोरी का कोई वाहन नहीं आता।

सूत्रों के मुताबिक, जैसे ही जीएसटी टीम लोकेशन से हटती है, तुरंत सूचना पास कर दी जाती है और टैक्स चोरी का सामान लदे वाहन एक के बाद एक अपने ठिकानों तक पहुँच जाते हैं।

अंदरखाने की जानकारी यह है कि जब किसी संदिग्ध वाहन की शिकायत या सूचना आती है, तो उस वाहन के स्वामी तक यह जानकारी किसी माध्यम से पहले ही पहुँचा दी जाती है। बदले में हर महीने मोटी रकम का ‘सेटलमेंट’ तय होता है। नतीजतन, ऐसे ट्रक उत्तराखंड की सीमा में दाखिल ही नहीं होते।

रुद्रपुर का एक अधिकारी तो सूत्रों के अनुसार मुख्यालय के संरक्षण में इतना बेख़ौफ़ हो गया है कि नियमों की धज्जियाँ उड़ाने से भी नहीं चूकता। बताया जा रहा है कि इस अधिकारी ने मुख्यालय को हर महीने भारी रकम पहुँचाने का वादा कर यह पोस्टिंग हासिल की है।

टैक्स चोरी के नेटवर्क ने अब अपना नया ठिकाना उधम सिंह नगर के रुद्रपुर में बना लिया है। दिल्ली के बड़े-बड़े ट्रांसपोर्टरों ने यहाँ अपने भारी-भरकम गोदाम खड़े कर लिए हैं। इन गोदामों में डिप्टी कमिश्नर एसआईबी और प्रवर्तन की सरपरस्ती में दिल्ली से आने वाला टैक्स चोरी का माल बेख़ौफ़ उतारा जा रहा है।

यही नहीं, यहीं से अधिकांश माल वाहनों की आवाजाही होती है। बावजूद इसके, डिप्टी कमिश्नर एसआईबी / प्रवर्तन और सचल दल उधमसिंह नगर की नाक के नीचे से टैक्स चोरी का सामान धड़ल्ले से कुमाऊँ में प्रवेश कर रहा है।

सूत्रों का दावा है कि विभाग के कुछ अधिकारी इस पूरे रैकेट में मौन भागीदारी निभा रहे हैं, और त्योहारी सीजन में यह ‘खेल’ अपने चरम पर है।

जल्द खुलासा — एक अफसर की पूरी कहानी

जल्द ही हम आपके सामने ऐसे ही एक अफसर की पूरी कहानी लेकर आएंगे, जिसने अपने पद और प्रभाव का इस्तेमाल करके मुख्यमंत्री के पारदर्शी प्रशासनिक दृष्टिकोण को खुली चुनौती दी है।

विभागीय सूत्रों के अनुसार, यह अफसर न केवल व्यापारियों का उत्पीड़न कर रहा है बल्कि उच्च अधिकारियों की “फरमाइशें” पूरी करने के लिए अपने अधीनस्थ अफसरों पर भी दबाव बना रहा है। बताया जा रहा है कि यह अधिकारी अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए पूरे सिस्टम को अपने कब्जे में करने की कोशिश कर रहा है।

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