हरिद्वार – उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार नगर निगम में हुए भूमि घोटाले के मामले में कड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर 10 अधिकारियों को निलंबित किया गया है, जिनमें दो आईएएस अधिकारी, एक पीसीएस अधिकारी और अन्य कर्मचारी शामिल हैं।
घोटाले का विवरण:
हरिद्वार के ग्राम सराय में कूड़े के ढेर के पास 2.3 हेक्टेयर भूमि को ₹54 करोड़ में खरीदा गया था। यह भूमि पहले ₹15 करोड़ में मूल्यांकित थी, लेकिन बाद में इसके मूल्य में वृद्धि की गई। स्थानीय निवासी इस भूमि की खरीद को लेकर आश्चर्यचकित हैं, क्योंकि वे स्वयं इस क्षेत्र में संपत्ति बेचने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है।

निलंबित अधिकारी
- कर्मेन्द्र सिंह – जिलाधिकारी और तत्कालीन प्रशासक नगर निगम, हरिद्वार
- वरुण चौधरी – तत्कालीन नगर आयुक्त, नगर निगम हरिद्वार
- अजयवीर सिंह – तत्कालीन एसडीएम, हरिद्वार
- निकिता बिष्ट – वरिष्ठ वित्त अधिकारी, नगर निगम हरिद्वार
- विक्की – वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक
- राजेश कुमार – रजिस्ट्रार कानूनगो, तहसील हरिद्वार
- कमलदास – मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, तहसील हरिद्वार
इसके अतिरिक्त, पहले भी चार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी:
- रविंद्र कुमार दयाल – प्रभारी सहायक नगर आयुक्त (सेवा विस्तार समाप्त)
- आनंद सिंह मिश्रवाण – प्रभारी अधिशासी अभियंता (निलंबित)
- लक्ष्मी कांत भट्ट – कर एवं राजस्व अधीक्षक (निलंबित)
- दिनेश चंद्र कांडपाल – अवर अभियंता (निलंबित)
- वेदपाल – संपत्ति लिपिक (सेवा विस्तार समाप्त)
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “हमारी सरकार ने शुरू से ही यह स्पष्ट किया है कि सार्वजनिक सेवा में ‘पद’ नहीं, बल्कि ‘कर्तव्य’ और ‘जवाबदेही’ महत्वपूर्ण है। यदि कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक हित और नियमों का उल्लंघन करता है, तो कार्रवाई अनिवार्य है।” उन्होंने यह भी कहा कि दोषी अधिकारियों से वसूली की जाएगी और सभी संबंधित रजिस्ट्री निरस्त की जाएंगी।

Skip to content











