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धामी सरकार की पहल से मातृ स्वास्थ्य सुरक्षा में नई मिसाल ऊधम सिंह नगर बना सशक्त मातृत्व मॉडल का उदाहरण….

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ऊधम सिंह नगर – धामी सरकार की “सुरक्षित मातृत्व” नीति अब धरातल पर सफलता की कहानी लिख रही है। जिला प्रशासन की दूरदर्शी पहल ने मातृ स्वास्थ्य सेवाओं को न केवल सशक्त किया है बल्कि प्रदेश के लिए एक नया स्वास्थ्य मॉडल भी प्रस्तुत किया है।

पहले की स्थिति यह थी कि स्वास्थ्य केंद्रों पर आने वाली गर्भवती महिलाओं को ठहरने की सुविधा न होने से जाँच या उपचार अधूरा छोड़कर लौटना पड़ता था। विशेषकर दूर-दराज़ के ग्रामीण इलाकों से आने वाली महिलाओं को यात्रा और प्रतीक्षा दोनों में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, जिससे प्रसव के दौरान जटिलताएँ बढ़ जाती थीं।

इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए ऊधम सिंह नगर प्रशासन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मातृ स्वास्थ्य प्राथमिकता नीति को धरातल पर उतारते हुए एक सराहनीय कदम उठाया। जिले के प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों में सुसज्जित प्रतीक्षालय (Waiting Halls) बनाए गए हैं, जिनमें हॉट एंड कूल एयर-कंडीशन की आधुनिक सुविधा उपलब्ध है। इससे गर्भवती महिलाओं को जांच और उपचार के दौरान आरामदायक एवं सुरक्षित वातावरण मिल रहा है।

नई व्यवस्था विशेष रूप से हाई-रिस्क प्रेग्नेंसी वाली और दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाली महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। अब महिलाएँ स्वास्थ्य केंद्रों पर आराम से रुककर संपूर्ण जांच करा सकती हैं, प्रसव से पहले उचित देखभाल पा रही हैं और समय पर चिकित्सकीय सहायता मिल रही है।

इस पहल का प्रत्यक्ष प्रभाव मातृ और शिशु मृत्यु दर (MMR & IMR) में कमी के रूप में दिखाई दे रहा है। समय पर इलाज, आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता और संवेदनशील स्वास्थ्य वातावरण ने मातृ सुरक्षा प्रणाली को पहले से कहीं अधिक मजबूत और भरोसेमंद बना दिया है।

यह मॉडल धामी सरकार की संवेदनशील शासन दृष्टि का सजीव उदाहरण है—जहाँ विकास का अर्थ केवल योजनाएँ नहीं, बल्कि जनजीवन में वास्तविक परिवर्तन है। मातृ स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में यह पहल दर्शाती है कि जब सही नीयत, वैज्ञानिक सोच और समर्पित प्रबंधन मिलते हैं, तो समाज में गहरा सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।

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