हल्द्वानी/देहरादून। उत्तराखंड के उच्च शिक्षा विभाग से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। लंबे समय से स्थायी प्राचार्य की प्रतीक्षा कर रहे राज्य के 18 राजकीय महाविद्यालयों को आखिरकार स्थायी प्राचार्य मिल गए हैं। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने 18 प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसरों को स्नातक प्राचार्य पद पर पदोन्नति प्रदान की है। इस संबंध में शासन स्तर से आदेश जारी कर दिए गए हैं, तथा सभी अधिकारियों को अपने नवीन तैनाती स्थल पर एक सप्ताह के भीतर कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं।
मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता उच्च शिक्षा व्यवस्था को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और गुणवत्तापरक बनाना है। उन्होंने कहा कि कॉलेजों में शिक्षकों, प्राचार्यों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के रिक्त पदों को लगातार भरा जा रहा है, ताकि शैक्षणिक गतिविधियों में कोई व्यवधान न आए।

मंत्री ने कहा, “राजकीय महाविद्यालयों को स्थायी प्राचार्य मिलने से कॉलेजों के प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी, साथ ही शिक्षण-शिक्षा की गुणवत्ता में भी उल्लेखनीय सुधार होगा। छात्र-छात्राओं को अब बेहतर मार्गदर्शन और अनुशासित शैक्षणिक वातावरण मिलेगा।”
इन 18 महाविद्यालयों को मिले स्थायी प्राचार्य:
1. प्रीति त्रिवेदी – राजकीय महाविद्यालय पतलोट, नैनीताल
2. सुरेश चन्द्र मंमगाई – राजकीय महाविद्यालय पौखाल, टिहरी गढ़वाल
3. डॉ. शैराज अहमद – राजकीय महाविद्यालय तलवाड़ी, चमोली
4. डॉ. डी.एन. तिवारी – राजकीय महाविद्यालय गरुड़, बागेश्वर
5. डॉ. बचीराम पंत – राजकीय महाविद्यालय मंगलौर, हरिद्वार
6. प्रणीता नंद – राजकीय महाविद्यालय नरेन्द्रनगर, टिहरी
7. डॉ. मृत्युंजय कुमार शर्मा – राजकीय महाविद्यालय त्यूणी, देहरादून
8. डॉ. सीमा चौधरी – राजकीय महाविद्यालय गरूड़ाबांज, अल्मोड़ा
9. पुष्कर सिंह बिष्ट – राजकीय महाविद्यालय जसपुर, ऊधमसिंह नगर
10. जयचन्द्र कुमार – राजकीय महाविद्यालय काण्डा, बागेश्वर
11. डॉ. अरविंद सिंह – राजकीय महाविद्यालय उफरैखाल, पौड़ी
12. डॉ. मुकेश कुमार – राजकीय महाविद्यालय नैनबाग, टिहरी
13. डॉ. राधेश्याम गंगवार – राजकीय महाविद्यालय थत्यूड़
14. कमरूद्दीन – राजकीय महाविद्यालय लमगड़ा, अल्मोड़ा
15. डॉ. कल्पनाथ सिंह – राजकीय महाविद्यालय पौड़ी
16. डॉ. विद्या शंकर शर्मा – राजकीय महाविद्यालय घाट, चमोली
17. डॉ. हरीश चन्द्र – राजकीय महाविद्यालय कण्वघाटी, कोटद्वार
18. डॉ. नर्वदेश्वर शुक्ल – राजकीय महाविद्यालय देवप्रयाग, टिहरी गढ़वाल
उच्च शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले सत्र तक सभी राजकीय महाविद्यालयों में पूर्ण शिक्षण स्टाफ उपलब्ध कराया जाए, ताकि विद्यार्थियों को किसी भी स्तर पर शिक्षण संसाधनों की कमी न झेलनी पड़े।
इस निर्णय से प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रशासनिक स्थिरता और शैक्षणिक गुणवत्ता में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा। अब इन कॉलेजों में नए प्राचार्यों के नेतृत्व में शिक्षा का स्तर और अनुशासन दोनों मजबूत होंगे।

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