
टनकपुर – भाजपा प्रदेश मंत्री और चंपावत जिला प्रभारी विकास शर्मा ने कांग्रेस की ओर से देहरादून में प्रस्तावित ‘संविधान बचाओ रैली’ को लेकर तीखा प्रहार किया है। एक प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस को संविधान की चिंता करने से पहले अपने अस्तित्व की चिंता करनी चाहिए। उनका कहना था कि जिस पार्टी ने अपने शासनकाल में संविधान के साथ सबसे अधिक छेड़छाड़ की, वह आज संविधान के रक्षक बनने का नाटक कर रही है।

विकास शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने आज तक संविधान की भावना का सम्मान नहीं किया बल्कि जब-जब सत्ता में रही, उसने अपने राजनीतिक हितों के लिए संविधान को कमजोर किया। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1951 में संविधान का पहला संशोधन कर अभिव्यक्ति की आज़ादी पर अंकुश लगाने की कोशिश की। यही नहीं, 1975 में इंदिरा गांधी ने आपातकाल घोषित कर देश की लोकतांत्रिक आत्मा को कुचलने का काम किया।
उन्होंने कहा कि इमरजेंसी के दौरान नागरिकों के मौलिक अधिकारों को समाप्त कर दिया गया, प्रेस पर पाबंदी लगा दी गई और विपक्षी नेताओं को जेलों में डाल दिया गया। 1971 में संपत्ति के मौलिक अधिकार को खत्म कर वैधानिक अधिकार बना दिया गया और 38वें तथा 39वें संशोधनों के जरिए न्यायिक समीक्षा के अधिकार तक पर रोक लगा दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि 42वें संविधान संशोधन द्वारा तो संविधान की मूल संरचना तक से छेड़छाड़ की गई।
शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के राज में संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने की एक लंबी श्रृंखला रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि इंदिरा गांधी ने न सिर्फ निर्वाचन आयोग को प्रभावित करने की कोशिश की बल्कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता को भी खतरे में डाला। राजीव गांधी के शासन में भी 1985 में शाहबानो केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटकर अल्पसंख्यक तुष्टिकरण का रास्ता अपनाया गया।
उन्होंने आगे कहा कि 2013 में वक्फ अधिनियम में संशोधन कर वक्फ बोर्ड को संपत्ति हड़पने के असीमित अधिकार दिए गए, जिन्हें कोर्ट में चुनौती भी नहीं दी जा सकती थी। अब जब मोदी सरकार इन अधिकारों को सीमित कर रही है, तो कांग्रेस बेचैन हो गई है।
भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास संविधान को बार-बार तोड़ने-मरोड़ने और संवैधानिक पदों का अपमान करने का रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारों को बर्खास्त करने के लिए 90 बार अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल किया, जिनमें से 50 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि मनमोहन सिंह के कार्यकाल में असली शक्ति सोनिया गांधी के पास थी और उन्हें ‘सुपर पीएम’ कहा जाता था — जो कि लोकतंत्र का मजाक था।
विकास शर्मा ने कहा कि कांग्रेस आज खुद मुद्दाविहीन हो गई है, इसलिए संविधान के नाम पर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रही है। लेकिन जनता पहले भी कांग्रेस को सबक सिखा चुकी है और आगे भी उसकी सच्चाई को पहचानने में देर नहीं करेगी।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा की स्थापना ही संविधान की रक्षा और उसके क्रियान्वयन के लिए हुई थी। भाजपा के लिए संविधान केवल धाराओं और अनुच्छेदों का संकलन नहीं बल्कि राष्ट्रधर्म और प्रेरणा स्रोत है। उन्होंने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने ‘एक देश, एक विधान, एक निशान’ के लिए अपना बलिदान दिया, और भाजपा उसी विचारधारा पर चल रही है। प्रेस वार्ता में भाजपा जिलाध्यक्ष गोविंद सामंत सहित पार्टी के कई पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
