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महिला ने जन्मा मछलीनुमा बच्चा, उड़े स्वास्थ्यकर्मियों के होश, चार घंटे में ही तोडा दम…..

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प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गजरौला में प्रसव के बाद एक विचित्र शिशु को जन्म दिया। बच्चे का नीचे का शरीर मछली के आकारनुमा था। यह देख हर कोई दंग रह गया। हालांकि चार घंटे बाद ही बच्चे की मौत हो गई। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो ऐसे नवजात जींस की दिक्कतों की वजह से होते हैं। जिन्हें जन्मजात विकृतियां भी कहा जाता है। इनके जीवित रहने के आसार कम ही रहते हैं। गजरौला थाना क्षेत्र के गांव बुढ़िया जमा इटौरिया की रहने वाली एक महिला गर्भवती थी।

 

रविवार को अचानक प्रसव पीड़ा होने पर परिवार वालों ने उसे पीएचसी गजरौला में देर शाम लेकर पहुंचे थे। यह महिला का पहला प्रसव था। जहां स्वास्थ्य कर्मियों ने उसे प्रसव के लिए भर्ती कर लिया। रविवार रात 10:48 बजे एएनएम विमला गंगवार ने नॉर्मल प्रसव कराया। प्रसव के दौरान जो नवजात जन्मा उसे देखकर स्टाफ दंग रह गया। महिला ने एक मछली की आकृति के बच्चे को जन्मा। जिसके हाथ, पैर सब थे, लेकिन नीचे का धड़ उसका मछली की तरह था।

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इस पर एएनएम विमला ने परिवार वालों को मामले की सूचना दी। नवजात को देखकर परिवार वाले भी दंग रह गए। एएनएम के अनुसार नवजात की धड़कन भी आ रही थी। साथ ही उसका वजन दो किलो 600 ग्राम था, जोकि पर्याप्त था। रविवार रात 2:50 बजे पर उसकी मौत हो गई। जिसके बाद शव को परिवार वालों के सुपुर्द कर दिया गया। मछली आकार के बच्चों को लेकर क्षेत्र में चर्चा का विषय बना रहा। क्या है डॉक्टर्स की राय मछली आकार के बच्चे को लेकर जिला महिला अस्पताल में सीएमएस पद से सेवानिवृत्त डॉ. अनीता चौरसिया का कहना है

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कि इस तरह के केस बहुत हो रहे हैं। हालांकि पीलीभीत में कम सुने को मिलते हैं। यह दिक्कते जन्मजात विकृतियां होती है। जिससे जींस की प्राब्लॉम कह जाता है। जो महिला या पुरुष दोनों में हो सकती है। जिस वजह से नवजात का शरीर सरवाइव नहीं कर पाता है। पूर्व में कई मामले ऐसे सामने आए थे। जिनमें नवजात का सिर, या रीढ़ की हड्डी नहीं बनी थी। यह दिक्कतें जींस की वजह से होती हैं। या फिर मशीनों से निकलने वाली रेडिएशन के दुष्प्रभाव भी इसका कारण बनते हैं।

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