उत्तराखण्ड काशीपुर

ब्लाक के ज्येष्ठ प्रमुख की पत्नी की मौत से आक्रोशित करीब सैकड़ो ग्रामीणों ने लगाया थाने के सामने जाम….

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काशीपुर में बीते रोज  पुलिस महकमें में उस वक्त हड़कंप मच गया जिस वक्त कुंडा थाना क्षेत्र की पुलिस को यूपी पुलिस और ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख के बीच भरतपुर गांव में जम कर भिड़ंत हो गयी. बुधवार देर शाम सादी वर्दी में दबिश देने आई यूपी पुलिस की कारवाई के दौरान हुई फायरिंग में जसपुर ब्लाक के ज्येष्ठ प्रमुख की पत्नी की गोली लगने से मौत हो गई. मौत से आक्रोशित करीब सैकड़ो ग्रामीणों ने कुंडा थाने के सामने एच 74 पर जाम लगा दिया. जाम की सूचना पर भारी पुलिस फोर्स मौके पर पहुंचा. इस मामले में यूपी पुलिस के 3 जवानों समेत 5 लोगों के भी घायल होने की बात सामने आ रही है. काशीपुर पुलिस ने ज्येष्ठ प्रमुख की तहरीर पर इस मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.

 

 

 

आपको बता दें कि जनपद के काशीपुर की घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. यूपी पुलिस उत्तराखंड में आकर एक जनप्रतिनिधि के घर में घुसकर फायरिंग कर देती है और उत्तराखंड पुलिस को इसकी खबर ही नहीं होती. नियम कायदों को ताक पर रखने का नतीजा ही है कि इस घटना ने दोनों राज्यों की पुलिस को आमने सामने ला खड़ा किया है.अपराधी शातिर था, गोपनीय कार्रवाई करना चाहती थी यूपी पुलिस लेकिन स्थानीय पुलिस को यूपी पुलिस की कार्रवाई करने की सूचना नहीं मिली थी.

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माना जा रहा है कि यूपी पुलिस पूरे मामले में गुप्त तरीके से कार्रवाई करना चाह रही थी. दरअसल जफर नाम का ये खनन माफिया काफी शातिर बताया जा रहा है. यूपी पुलिस के रेड के दौरान वो अक्सर उत्तराखंड की सीमा में घुस जाया करता था. स्थानीय पुलिस से जानकारी शेयर करने में कहीं न कहीं यूपी पुलिस को यह शक था कि जफर नाम के खनन माफिया तक उनकी रेड की जानकारी लीक हो सकती है. घटना के करीब 10 मिनट बाद स्थानीय पुलिस को इसकी जानकारी हुई.

 

 

 

घटना का पता लगते ही उधमसिंह नगर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. तत्काल डीआईजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि यूपी के मुरादाबाद से पुलिस की टीम बिना उत्तराखंड पुलिस को बताए रेड डालने आई थी. डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि यूपी पुलिस वर्दी में नहीं थी. हम जांच कर रहे हैं कि मुरादाबाद पुलिस ने ऐसा क्यों किया. डीआईजी ने कहा कि विभिन्न धाराओं समेत हत्या और षडयंत्र का मुकदमा दर्ज किया है.खनन माफिया को पकड़ने आई यूपी पुलिस और लोगों में मारपीट. डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि यूपी पुलिस के लोग उधमसिंह नगर पुलिस की अभिरक्षा से भागे हैं.

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इसकी भी जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि यूपी के घायल पुलिस कर्मियों को जब एलडी भट्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया तो वो लोग वहां से भाग गए. ये भी शिकायत है कि सूर्या चौकी में जब यूपी पुलिस को रोकने की कोशिश की गई तो वो लोग बैरीकेड तोड़कर भाग गए. डीआईजी ने कहा कि यूपी पुलिस से पूछा गया है कि अगर वो मुजरिम को पकड़ने आने वाले थे तो उन्होंने पहले क्यों नहीं बताया. यूपी पुलिस ने कहा है कि महिला की मौत उनकी गोली से नहीं हुई है.

 

 

 

इस पर डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि इसकी पूरी जांच की जा रही है. जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. डीआईजी ने कहा कि हमारी फॉरेंसिक टीम जांच कर रही है कि महिला को लगी गोली किसकी थी. उन्होंने कहा कि डॉग स्क्वायड भी घटनास्थल पर लाया गया है. पुलिस पूरी जांच कर रही है. हम यूपी पुलिस के लगातार संपर्क में हैं. घटनास्थल पर पहुंच गये। कहा कि उत्तराखंड पुलिस ने तत्काल जांच शुरू की. हमें अपनी पुलिस पर पूरा भरोसा है. अरविंद पांडे ने कहा कि ब्लॉक प्रमुख ने काफी सहनशीलता का परिचय दिया है. उन्होंने कहा कि जनता गुस्से में थी. कोई भी बड़ी घटना हो सकती थी. अरविंद पांडे ने कहा कि यूपी पुलिस के नाम पर जिन्होंने ये गुंडागर्दी की है ये असहनीय है. हमने मुख्यमंत्री से बात की है. हमें विश्वास है कि पुलिस इस घटना का खुलासा करेगी और न्याय मिलेगा.

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मुरादाबाद पुलिस की सख्ती के चलते यूपी के खनन माफिया उत्तराखंड में शरण ले रहे हैं. यूपी पुलिस को इनपुट मिला था कि काशीपुर, बाजपुर क्षेत्र में छह से ज्यादा अवैध खनन से जुड़े अपराधी शरण ले चुके हैं. यूपी पुलिस आने वाले दिनों में अन्य इलाकों में भी इनके गिरफ्तारी को लेकर दबिश दे सकती है. हालांकि काशीपुर में हुई घटना के बाद यूपी पुलिस को काफी फूंक फूंककर कदम उठाना पड़ेगा. सूत्रों का कहना है कि खनन के इस खेल में उत्तराखंड के कई सफेदपोश लोगों के मदद से यह पूरा नेटवर्क चलाया जा रहा है. मुरादाबाद में एक सत्ताधारी नेता के ऊपर भी मुकदमा दर्ज किया जा चुका है।

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