कंचनपुर- हाथियों ने भारत और नेपाल के सीमावर्ती गांवों मैं लोगो की नींद उड़ा कर रख रखी है। नेपाल के कंचनपुर मैं हाथियों के इस बढ़ते आतंक को देखत हुए। वन विभाग की टीम ने लोगो के जंगल जाने पर भी रोक लगा दी है।साथ ही दोनो देशों के लोगो से भी सीमा पर जंगल से जुड़ी सड़को पर भी कम आने जाने के लिए कहा गया है। और साथ ही कंचनपुर के जंगल भारत और नेपाल के बीच आवगमन करने वाले हाथियों के कॉरीडोर का हिस्सा भी है।
कंचनपुर के रास्ते होते हुए ही हाथी यूपी के दुधवा नेशनल पार्क तक आते है।साथ ही 30से 35 हाथियों का एक झुंड ने कंचनपुर और उसे जुड़े भारतीय क्षेत्रों के लोगो की नींद को उड़ाया हुआ है। नेपाल के नागरिक भी इसे काफी हद तक लगातार परेशान है। कंचनपुर वन प्रभाव के कार्यलय के सूचना आधिकारी शिवराज अवस्थी ने बताया। है की जंगलों में नेपाली नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।
और साथ ही जंगल में लकड़ी बीनने पर बकरी चुगाने पर घास काटने पर भी रोक लगा दी है।ओर जंगल से जुड़ी सड़को पर भी आने जाने के लिए रोक लगा रखी है। वही वन क्षेत्रों मैं हाथियों का अवजाही जादा हो रही है। उस जगह पर सीसीटीवी कैमरा भी लगाए जा रहे है। नेपाल ही नहीं भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों मैं भी हाथियों के आतंक से भी लोग बहुत परेशान है। टनकपुर के गेडाखाली,
उचौलीगौठ, बूम से जुड़े इलाकों के साथ बनबसा के पचपकरिया गुदमी इलाकों मैं हाथियों के लगातार दस्तका होती रहती है।जिससे फसलों के नुकसान के साथ हाथी निवास कर रहे मानव बस्ती को भी नुकसान पहुंचा रहे है। जिस से हाथियों के आतंक से परेशान होकर दोनो देशों के लोगो की नींद हराम हो गई है।साथ ही भारत और नेपाल के बीच काफी समय से हाथियों के कॉरीडोर भी है।जिससे हाथियों से बचने के लिए रास्तों पर आना जाना कम करना होगा।






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