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तो क्या लोकसभा सीट के प्र्तियाशियों और भाजपा को पढ़ सकता है ओवर कॉन्फिडेंस महंगा ?

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रुद्रपुर- जिस तरीके से 2 अप्रैल को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मोदी मैदान में उधम सिंह नगर रुद्रपुर में जनसभा को संबोधित करने के दौरान भाजपा कार्य करता हूं मैं भारी उत्साह देखने को मिल रहा है अगर बात करें तो जिस तरीके से क्षेत्रीय विधायक द्वारा 2 अप्रैल को मोदी मैदान में एक लाख जनता का पहुंचने का अनुमान क्षेत्रीय विधायक द्वारा लगाया गया था जो पूरी तरीके से जनता ने जानकारी दिया सूत्रों के वाले से जानकारी मिली है की जो भी 15 से 20000 की जुटा गई थी उसमें भी अल्मोड़ा पर थोड़ा देहरादून पांचो सीटों के कार्यकर्ता एवं समूह एवं आंगनवाड़ी से लेकर कंपनी में काम करने वाले वर्कर्स को जूट गया था

 

और जमकर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग भी किया गया बात करें तो उसे दिन सारे स्कूल विद्यालय और कंपनियों का अवकाश घोषित कर दिया गया  कहीं ना कहीं नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गई अगर बात करें तो लोकसभा चुनाव की सरगमियां लगातार तेज हो रही हैं नैनीताल उधम सिंह नगर सीट पर भाजपा कांग्रेस दोनों ही दल ने प्रचार में ताकत चौक दी है प्रधानमंत्री की जनसभा के बाद वैसे तो बीजेपी प्रचार में कांग्रेस से आगे निकलते नजर आ रही है इस रैली के बाद भाजपा को उत्साह चरम पर है

 

लेकिन अति उत्साह भाजपा को भारी पड़ सकता है भाजपा को इस बार भी मोदी मैजिक कि उम्मीद है लेकिन राजनीतिक विश्लेषक का मानना है कि अगर मोदी मैजिक नहीं चला तो भाजपा की रहा इस चुनाव में आसान नहीं होगी मौजूदा चुनावी परिदृश्य पर नजर डालें तो परिस्थितियों सट्टा रोटी भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में जब बताई जा रही हैं राम मंदिर समान नागरिक कानून जैसे कुछ फैसले से भाजपा के छवि मजबूत जरूर हुई है लेकिन सरकार के कोई फैसला से जनता को निराशा भी मिली है मसलन महंगाई बेरोजगारी बढ़ता अपराध जैसे कई मूलभूत मुद्दों पर आम जनता भाजपा सरकार से संतुष्ट नजर नहीं आती है लेकिन इन जमीनी मुद्दों को छोड़ भाजपा बड़े-बड़े ख्वाब दिखाकर चुनावी माहौल अपने पक्ष में करने की कोशिश में लगी है

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भाजपा के विशेष राम मंदिर का मुद्दे में से बड़ी उम्मीद है इससे उत्साहित होकर भाजपा ने आपकी बार 400 पर का नारा दिया है सत्ता धारी की दृष्टि से हर तरफ भाजपा की लहर है अति उत्साहित भाजपा को यह विषय मित्र नहीं होना चाहिए कि साल 2004 में भी उसके पास नरेंद्र मोदी में अमित शाह की तरह अटल बिहारी वाजपेई में लालकृष्ण आडवाणी जैसे करिश्मा नेतृत्व की छत्रछाया थी उसे लोकसभा चुनाव में भारत उदय का आकर्षक नारद भी था दिया गया था अर्थव्यवस्था में विकसित तब भी तेजी से आगे बढ़ रही थी

 

परंतु तब भाजपा के लिए प्रणाम निराशाजनकरहे छोटे-छोटे दलों के साथ लेकर कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भाजपा को ऐसी पत्नी दी कि अगले 10 साल तक केंद्र में कांग्रेस की सरकार सत्ता में रही इस समय नैनीताल सीट पर कैसी बाबा सांसद चुने गए थे उन्होंने भाजपा के विजय बंसल को करारी हार मिली थी मौजूदा परिस्थितियों को काफी हद तक भाजपा के पक्ष कहीं जा सकती है लेकिन मतदाताओं का रुख फिलहाल स्पष्ट नहीं है मतदाता खामोश है वह किधर पलटेगा अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है

 

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भले ही भाजपा का लक्ष्य सरल लोग लग रहा है परंतु मार्ग इतना भी आसान नहीं है चाहे कांग्रेस कमजोर दिख रही हो परंतु कई मुद्दों में ऐसा है जो भाजपा की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं बेरोजगारी और महंगाई की मार से आम आदमी त्रस्त नजर आ रहा है पिछले 10 साल में आम गरीब टपके की हालत में कोई खास सुधार नहीं आ रहा है पेट्रोल डीजल के दम से लेकर दूध राशन सब कुछ महंगा हुआ है फल और सब्जियां आम आदमी की पहुंच से दूर होती जा रही है यह बड़ी विडंबना है कि भाजपा के 10 साल का शासन के बावजूद अभी भी तमाम लोग मुफ्त का राशन पर निर्भर हैं सीट कुल में श्रमिक की हालत बाद से 72 है

 

आंगनबाड़ी कार्यकर्ती आशा कर्मी आंदोलन की राह पर शिक्षक से लेकर सरकारी कर्मचारियों को कई संगठन अपनी मांग को लेकर समय-समय पर आवाज उठाते रहे जिनका समाधान नहीं हुआ है हजारों की संख्या में गेस्ट टीचर आज भी सरकारको वायदा पूरा होने की प्रतीक्षा में हैं धामी सरकार ने गेस्ट टीचर को उन्होंने के गृह जनपद में तैनाती करने का ऐलान किया था जो 2 साल जीतने के बाद भी पूरी नहीं हो पाए हैं लेकिन हत्याकांड को लेकर भी लोगों में नाराजगी है अग्नि वीर योजना ने भी भाजपा सरकार से युवाओं का महा भंग किया है

 

ले किस भाजपा सरकार से ना कुछ है सरकार को कोई दावे की जमीनी हकीकत वास्तविक से भी पड़े हैं रुद्रपुर में मेडिकल कॉलेज आज भी आज भी पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाया है किच्छा में एम्स की स्थापना का दवा एक साल से किया जा रहा है धरातल पर इसके लिए भी एक ईट तक नहीं लगी है उधम सिंह नगर में बढ़ता अपराध की काली छाया का असर भी इस चुनाव में पड़ सकता है हाल ही में मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में स्थित बाबा भरमला मंदिर के महंत की हत्या और उसके बाद डेरा कर सेवा का जाप था बाबा तारक सिंह की हत्या ने भी कानून व्यवस्था के मामले में सरकार की छवि पर दाग लगाए हैं

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ऐसे में कांग्रेस अगर जमीनी मुद्दों को चुनाव से पहले जनता के बीच ले जाने में कामयाब रही तो भाजपा के अति उत्साह पर पानी फिर सकता है सूत्र की माने तो जल्दी ही राहुल और प्रियंका की रैली भी रुद्रपुर उधम सिंह नगर में होना ते माना जा रहा है जिसे कहीं ना कहीं रुद्रपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली का जवाब देने के लिए कांग्रेस राहुल गांधी या प्रियंका गांधी को लाने की तैयारी कर रही है कांग्रेस कार्यकर्ता में प्रियंका गांधी की रैली पर जोर दे रहे हैं लेकिन संभावना है कि प्रियंका की रैली गढ़वाल में कराई जा सकती है जबकि कुमाऊं में रुद्रपुर या हल्द्वानी में राहुल गांधी चुनावी जनसभा को संबोधित कर सकते हैं

 

जिस तरीके से भाजपा जीत का उत्साह में जमीनी हकीकत से अलग नजर आ रही है बात करें तो मुख्यमंत्री के प्रोग्राम में कुर्सी खाली रह जाना एक बहुत बड़ी जनता का संदेश दिखाई दे रहा है बात करें जिस तरीके से क्षेत्रीय विधायक ने एक लाख लोगों का प्रधानमंत्री सीमेंट कर ले जाना वह कहीं ना कहीं भाजपा के लिए खतरे की घंटी साबित हो रहा है

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