उत्तराखण्ड हरिद्वार

बैरागी अखाड़ों और शंकराचार्य को उत्तराखंड सरकार द्वारा भूमि आवंटन की शुरू की गई प्रक्रिया

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हरिद्वार (वंदना गुप्ता) कुंभ मेले में बैरागी अखाड़ों और शंकराचार्य को उत्तराखंड सरकार द्वारा भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू की गई है भूमि आवंटन को लेकर बैरागी अखाड़ों और शंकराचार्य द्वारा अपनी नाराजगी दिखाई गई थी मगर पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई थी नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कुर्सी संभालते ही कुंभ मेले को दिव्य भव्य बनाने के साथ ही श्रद्धालुओं पर सभी प्रकार की पाबंदी हटाई है और बैरागी अखाड़ों के साथ शंकराचार्य को भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू की इसको लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मांग करी की बाकी अखाड़े के महामंडलेश्वरो को भी भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जाए और सभी अखाड़ों को सरकार द्वारा दी जाने वाली मूलभूत सुविधा जल्द दी जाए कुंभ मेले में बैरागी अखाड़े शंकराचार्य और सभी अखाड़ों के महामंडलेश्वर भूमि आवंटन ना होने से सरकार और मेला प्रशासन से नाराज थे और उनके द्वारा लगातार मांग की जा रही थी शासन उनको जल्द भूमि आवंटन करें मगर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा इस प्रक्रिया को शुरू नहीं किया गया जिसको लेकर संतों में काफी आक्रोश उत्पन्न हो रहा था मगर नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा कुर्सी पर बैठते ही भूमि आवंटन को लेकर मेला प्रशासन को निर्देश दिए और उसके तुरंत बाद ही भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू हो गई बैरागी अखाड़ों और शंकराचार्य को भूमि आवंटन की जा रही हैअखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि हम मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत सम्मान करते हैं बैरागी और शंकराचार्य को भूमि आवंटन के साथ ही सभी अखाड़ों के महामंडलेश्वर और संतों को भूमि आवंटन की जाए और इसके साथ ही सभी मूलभूत सुविधा दी जाए अभी कुंभ में थोड़ा समय है युद्ध स्तर पर शासन और मेला प्रशासन को कार्य करना चाहिए शासन और मेला प्रशासन द्वारा बैरागी अखाड़ों और शंकराचार्य को भूमि आवंटन करने की प्रक्रिया तो शुरू कर दी गई है मगर बाकी अखाड़ों के महामंडलेश्वरो को भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है इसको लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मांग की है कि उनको भी जल्द से जल्द भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू करें जिसे कुंभ दिव्य और भव्य हो सके अब देखना होगा शासन और मेला प्रशासन कितनी जल्दी महामंडलेश्वरो को भूमि आवंटन करता है और उनकी नाराजगी को दूर

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