उत्तराखण्ड हरिद्वार

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष से बंद कमरे में मुलाकात,,,अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने सीमत कुंभ करने पर सरकार पर उठाए सवाल

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हरिद्वार (वदना गुप्ता) हरिद्वार कुंभ मेला शुरू होने में अब कुछ ही समय शेष बचा है मगर उससे पहले हरिद्वार में बैरागी अखाड़ों की नाराजगी दूर होती दिखाई नहीं दे रही है आज बैरागी अखाड़ों के श्री महंत और उनके साधु संतों द्वारा हरिद्वार पहुंचे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी से बंद कमरे में कई घंटे तक वार्ता की गई और कुंभ मेले के कार्यों को लेकर अपनी नाराजगी दर्ज कराई गई वहीं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष द्वारा राज्य सरकार पर शाही स्नान और कुंभ की अवधि घटाए जाने पर कहां गया कि सरकार द्वारा हमें विश्वास में नहीं लिया गया उसको मारने के लिए हम तैयार नहीं है कुंभ मेले से पहले अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद मैं दो फाड़ होते नजर आ रहे थे मगर आज अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी के हरिद्वार पहुंचने पर बैरागी अखाड़ों के श्री महंत और संतों द्वारा उनसे मुलाकात की गई और कुंभ मेले के कार्य बैरागी कैंप में ना होने पर अपनी नाराजगी दर्ज कराई गई पंच निर्मोही अनी अखाड़े के श्री महंत राजेंद्र दास का कहना है कि हम चाहते हैं हरिद्वार का कुंभ भव्य और दिव्य हो आज अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष से मुलाकात कर हमारे द्वारा यही अनुरोध किया गया है क्योंकि अभी तक कुंभ मेला प्रशासन द्वारा बैरागी अखाड़ों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है इसको लेकर हमारी अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि से चर्चा हुई है इनका कहना है कि हम मुख्यमंत्री से भी अनुरोध करते हैं प्रयागराज और वृंदावन की तर्ज पर ही कुंभ मेले को कराया जाए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी का कहना है कि बैरागी अखाड़े के श्री महंत और संत मुझसे मिलने आए उनके द्वारा मुझे अवगत कराया गया कि कुंभ मेले को लेकर बैरागी अखाड़ों के लिए मेला प्रशासन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है  उनकी मांग सही भी है क्योंकि बैरागी अखाड़ों में टेंट बिजली पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है हमारे द्वारा सरकार से वार्ता की जाएगी और कहा जाएगा कि जो भी तेरा अखाड़ों को व्यवस्था दी जाती है वह सभी अखाड़ों को दी जाए सरकार को सभी अखाड़ों को व्यवस्था दी जानी चाहिए इस मुद्दे को लेकर हमारे द्वारा जल्द ही एक बैठक की जाएगी और उसमें सभी 13 अखाड़े द्वारा निर्णय लिया जाएगा इनका कहना है कि अभी तक हुए सरकार के कार्यों से हम संतुष्ट नहीं है क्योंकि कुंभ मेले को लेकर बैरागी अखाड़ों के साधु संत असमंजस में हैं वहीं नरेंद्र गिरी द्वारा राज्य सरकार के कुंभ मेले को सीमित किए जाने पर भी सवाल खड़े किए गए उनका कहना है कि कुंभ मेले के शाही स्नान की घोषणा मुख्यमंत्री और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के द्वारा की गई थी उसमें कुंभ के चार स्नान की घोषणा की गई थी यह बैठक कोरोना महामारी के वक्त हुई थी मगर अब मुख्य सचिव द्वारा कहा जा रहा है कि दो ही शाही स्नान किए जाएंगे इसको लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से सरकार द्वारा कोई वार्ता नहीं की गई हमारे द्वारा सरकार को आश्वासन दिया गया था कि कोरोना महामारी को देखते हुए कुंभ का आयोजन किया जाएगा मगर प्रयागराज का मीनी कुंभ हो गया वृंदावन में मेला चल रहा है वहां कोई कोरोना की दिक्कत नहीं हुई मगर हरिद्वार में सरकार अपनी कमियां छुपाने के लिए कोरोना का बहाना कर रही है उनका कहना है कि कुंभ मेले को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और शासन द्वारा निर्णय लिया जाता है मगर उत्तराखंड सरकार अपने द्वारा ही निर्णय ले रही है और हमारे ऊपर उस निर्णय को थोप रही है हम उसको मानने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि सरकार द्वारा हमसे इस विषय में कोई भी राय नहीं ली गई है कुंभ मेले में बैरागी अखाड़ों की नाराजगी को दूर करने के लिए आज अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि द्वारा बैरागी अखाड़ों के श्री महंत और संतो से मुलाकात की गई तो वहीं राज्य सरकार पर सीमित कुंभ करने को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने कहा कि सरकार ने इस मामले में उनसे कोई भी चर्चा नहीं की गई सरकार के निर्णय को हम मानने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है अब देखना होगा सीमत कुंभ को लेकर सरकार और अखाड़ा परिषद के बीच गतिरोध क्या रंग लेता है

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