
लालकुआं – लालकुआं में स्कूलों द्वारा फीस वृद्धि और महंगी किताबों की अनिवार्यता को लेकर अभिभावकों की बढ़ती शिकायतों के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। बुधवार को उपजिलाधिकारी ने मुख्य बाजार स्थित पुस्तक विक्रेताओं की दुकानों पर छापामार अभियान चलाया। इस दौरान कई अनियमितताएँ सामने आईं, जिनमें सबसे गंभीर मामला अभिभावकों को किताबों की खरीद पर पक्का बिल न देने का पाया गया।

शिकायतों के आधार पर हुई कार्रवाई
प्रशासन को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों पर महंगी किताबें और कॉपियाँ खरीदने का दबाव बनाया जा रहा है। कई स्कूलों ने विशेष बुक स्टोर्स से ही किताबें खरीदने की अनिवार्यता लगा दी थी, जिससे अभिभावकों को ऊँची कीमतों पर किताबें खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा था। इस पर संज्ञान लेते हुए उपजिलाधिकारी ने कार्रवाई की और मुख्य बाजार में स्थित लक्ष्मी पुस्तक भंडार का औचक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान मिले अहम सबूत
निरीक्षण के दौरान पुस्तक विक्रेताओं द्वारा अभिभावकों को किताबों की खरीद का पक्का बिल नहीं दिया जा रहा था। कई अभिभावकों ने यह भी बताया कि उन्हें महंगे दामों पर किताबें खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। प्रशासनिक टीम ने दुकानदारों को कड़ी चेतावनी देते हुए निर्देश दिया कि भविष्य में सभी ग्राहकों को पक्का बिल देना अनिवार्य होगा।
अधिकारियों की कड़ी चेतावनी
उपजिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि कोई स्कूल या पुस्तक विक्रेता अभिभावकों को महंगी किताबें खरीदने के लिए बाध्य करता पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा का व्यवसायीकरण नहीं होने दिया जाएगा और यदि कोई संस्थान इस प्रकार की जबरदस्ती करता है, तो उसकी शिकायत तत्काल प्रशासन को दी जानी चाहिए।
कार्यवाही के दौरान मौजूद अधिकारी
इस छापेमारी के दौरान राजस्व विभाग के कई अधिकारी मौजूद रहे, जिनमें रजिस्ट्रार कानूनगो मोहित बोरा, राजस्व उप निरीक्षक पूजा रानी, खीम सिंह अधिकारी सहित अन्य प्रशासनिक कर्मी शामिल थे।
अभिभावकों के लिए प्रशासन की अपील
प्रशासन ने अभिभावकों से अपील की है कि यदि वे किसी भी प्रकार की जबरदस्ती, ओवरचार्जिंग या बिना बिल के किताबें बेचे जाने की घटना का सामना करें, तो तुरंत इसकी शिकायत करें। प्रशासन ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करेगा और दोषियों को सजा दिलाने का काम करेगा। यह कार्रवाई अभिभावकों और छात्रों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल पारदर्शिता सुनिश्चित होगी, बल्कि उन स्कूलों और दुकानदारों पर भी लगाम लगेगी जो शिक्षा को व्यावसायिक लाभ का जरिया बना रहे हैं। प्रशासन की इस कार्रवाई से अभिभावकों को राहत मिलने की उम्मीद है और आने वाले समय में इस तरह की शिकायतों में कमी आने की संभावना है।
