
उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि चारधाम यात्रा मार्ग और प्रमुख पर्यटन स्थलों पर महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट की सुविधा को दुरुस्त किया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं, जिनमें महिलाओं की संख्या भी काफी अधिक होती है। ऐसे में उनकी स्वच्छता और सुविधा को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक स्थलों पर विशेष रूप से महिलाओं के लिए स्वच्छ और सुरक्षित शौचालयों की व्यवस्था जरूरी है।
सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति पर जताई चिंता
कुसुम कंडवाल ने कहा कि प्रदेश में कई स्थानों पर सार्वजनिक शौचालय मौजूद तो हैं, लेकिन वे ठीक से संचालित नहीं हो रहे हैं। कई शौचालयों की सफाई व्यवस्था खराब है, जिससे महिलाओं को असुविधा होती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को विशेष स्वास्थ्य जरूरतें होती हैं, और यदि शौचालय गंदे हों तो संक्रमण और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। खासकर यात्रा के दौरान महिलाओं को सुरक्षित और स्वच्छ टॉयलेट की आवश्यकता होती है, ताकि वे बिना किसी असुविधा के अपनी यात्रा पूरी कर सकें।
चारधाम यात्रा मार्ग पर पिंक टॉयलेट बनेंगे अनिवार्य
चारधाम यात्रा मार्ग पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए महिला आयोग ने निर्देश दिया है कि हर प्रमुख यात्रा मार्ग पर पिंक टॉयलेट बनाए जाएं। साथ ही, पहले से बने शौचालयों को ठीक ढंग से संचालित करने के लिए विशेष प्रबंध किए जाएं। इन शौचालयों में सफाई और महिलाओं की विशेष जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
सभी जिलाधिकारियों को दिए गए सख्त निर्देश
महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि यह सुनिश्चित करना जिलाधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि उनके क्षेत्र में पिंक टॉयलेट सुचारू रूप से कार्यरत हों। इसके लिए प्रशासन को स्थानीय निकायों और अन्य संबंधित विभागों के साथ मिलकर काम करने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुविधा के लिए यह कदम बेहद जरूरी है और इसे जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए। यदि किसी स्थान पर सार्वजनिक शौचालय नहीं हैं, तो वहां जल्द से जल्द पिंक टॉयलेट का निर्माण किया जाए और उनकी नियमित सफाई सुनिश्चित की जाए। इस पहल का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सुरक्षित, स्वच्छ और आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करना है, ताकि वे बिना किसी असुविधा के अपनी यात्रा पूरी कर सकें।

