
देहरादून – उत्तराखंड में करोड़ों की ठगी कर फरार हुई लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट को-ऑपरेटिव सोसाइटी (LUCC) के खिलाफ महिलाओं का गुस्सा अब उबाल पर है। वर्षों से अपने खून-पसीने की कमाई गंवा चुकी हजारों पीड़ित महिलाओं ने देहरादून की सड़कों पर उतरकर अपनी आवाज बुलंद की और सरकार से आपातकालीन राहत कोष बनाने की मांग की।

धरना प्रदर्शन की अगुवाई कर रही महिलाओं ने घंटाघर, दर्शन लाल चौक, दून अस्पताल चौक व कचहरी क्षेत्र में सांकेतिक चक्का जाम कर प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर सरकार ने चारधाम यात्रा से पहले ठोस कदम नहीं उठाए, तो वे राष्ट्रीय राजमार्ग जाम और यहां तक कि आत्मदाह जैसे कदम उठाने के लिए विवश होंगी।
हम भी इस प्रदेश की बेटियां हैं, लेकिन हमारी पीड़ा को कोई सुनने वाला नहीं है
प्रदर्शनकारी महिलाओं की आंखों में आँसू थे और हाथों में अपने बच्चों की किताबें, स्कूल की फीस की पर्चियां और खाली बटुए। उन्होंने कहा कि LUCC घोटाले ने उनके जीवन को सिर्फ आर्थिक रूप से ही नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक रूप से भी तोड़ दिया है। “हम अपने ही राज्य में दोयम दर्जे की नागरिक बन गई हैं। अगर सरकार हमें न्याय नहीं दे सकती, तो यह लोकतंत्र कैसा?” – एक पीड़िता का सवाल सरकार से था।
LUCC घोटाला: एक नजर में
उत्तराखंड के लगभग 25 लाख निवेशकों से अरबों रुपये की ठगी
कई वर्षों से सक्रिय, बावजूद इसके कोई निगरानी या जांच नहीं हुई
कंपनी अब फरार, हजारों परिवारों का जीवन अस्त-व्यस्त
सरकार और प्रशासन पर लाइसेंसिंग और मॉनिटरिंग में लापरवाही के गंभीर आरोप
ज्ञापन सौंपकर सीएम से की गुहार
प्रदर्शनकारियों ने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंपते हुए आपात राहत कोष की मांग, सीबीआई जांच, और घोटाले में संलिप्त अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की मांग की।
चेतावनी: “अब और चुप नहीं बैठेंगे“
महिलाओं ने साफ कहा है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ, तो राज्यभर में जनांदोलन खड़ा किया जाएगा। चारधाम यात्रा के शांतिपूर्ण संचालन के लिए सरकार को इस मुद्दे को प्राथमिकता देनी ही होगी।
