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गुम हुई स्वर कोकिला लता मंगेशकर की आवाज,शोक में डूबा पूरा देश, दो दिवसीय राजकीय शौक घोषित

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मुंबई-(एम सलीम खान) मुंबई हे अल्लाह हे ईश्वर यह पुकार सुन ले,हे अल्लाह हे ईश्वर या दाता स्वर कोकिला लता मंगेशकर का यह गीत पुकार फिल्म का हैं। इसके अलावा ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी, जो शहीद हुए उनकी जरा याद करो कुर्बानी ऐसे गीत हमेशा लोगों की आंखों को नम कर देते हैं। स्वर कोकिला लता मंगेशकर के कुछ ऐसे ही गीत हमेशा लोगों को याद रहेंगे। आज लता मंगेशकर ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। लेकिन उनकी सुनसरी यादें आज भी लोगों याद है और हमेशा याद रहेंगी। सुरों की मल्लिका लता मंगेशकर भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं,

 

लेकिन उनकी कोयल जैसे आवाज़ हमेशा हमारे मन में ताज़ा रहेंगी। आठ दशकों तक स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने फिल्मी जगत को ऐसे गीत दिए जो लोगों ने जमकर सराहें लेकिन आज उनकी आवाज इस दुनिया से लुप्त हो गई। स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। अपनी सुरीली आवाज से उन्होंने जादू बिखेरने वाली लता मंगेशकर गायकी की जादूगरनी थी, जो आज सुपुर्द खाक हो गई है। लता का रविवार को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया।वह 92 वर्ष की थी। उन्हें कोरोना की बीमारी के कारण आठ जनवरी को ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन एकाएक उसकी तबियत ठीक हो गई थी।

 

शनिवार को अचानक उनकी तबीयत बेहद बिगड़ गई। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। चिकित्सकों ने उन्हें वैलटिनेटर पर रखा था।देर शाम उनका उपचार कर रहे चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रतीत समदानी ने बताया कि दवा अपना असर कर रही है लेकिन आज सुबह उनका निधन हो गया।इस खबर से देश भर में शौक फैल गया। 25 रुपए में गाया था लता मंगेशकर ने अपना पहला गीत स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश में इंदौर शहर में एक मध्यम वर्गीय मराठी परिवार में जन्म लिया था।लता मंगेशकर ने साल 1942 में किटी हसाल के लिए अपना पहला गीत गाया था।

 

लेकिन उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर को लता का फिल्मों के लिए गाना पसंद नहीं था। उन्होंने लता को फिल्मी गीतों से हटा दिया था। उन्होंने हसाल फिल्म के सिर्फ 25 रुपए के लिए अपना पहला गीत गाया था। शरीर के अंगों ने काम करना बंद कर दिया लता मंगेशकर के शरीर के अंगों ने उनका साथ छोड़ दिया था। चिकित्सकों के मुताबिक लता मंगेशकर के शरीर के अंग काम नहीं कर रहे थे। उन्होंने बताया कि लता मंगेशकर के हाथ पांव सहित अन्य शरीर के अंगों ने काम करना बंद कर दिया। यहां तक की उनकी जुबान भी उनका साथ नहीं दे रही थी। ह्रदय गति भी धीमी हो गई थी।

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