यूक्रेन से लौटी हल्द्वानी की बेटी अंजली..बतायी बेहद कठिन हालात की दास्तां यूक्रेन और रूस का युद्ध शुरू होने के दो दिनों के बाद पैदल बचकर निकली हल्द्वानी की बेटी अंजली जान बचाते हुए लगभग 7 दिनों के बाद शुक्रवार को हल्द्वानी पहुंची। अंजली ने अपनी दास्तान सुनाई तो रौंगटे खड़े हो गए। उत्तराखंड में हल्द्वानी की रहने वाली अंजली माया श्रीवास्तव शुक्रवार को अपने परिवार से हल्द्वानी के मुखानी स्थित अपने आवास पर मिली।
अंजली वर्ष 2019 में एम.बी.बी.एस.की शिक्षा प्राप्त करने के लिए यूक्रेन के विनीतसिया में विनितसिया मैडिकल कॉलेज गई थी। इस समय वो एम.बी.बी.एस.थर्ड ईयर की स्टूडेंट है। अंजली के पिता राजीव कुमार श्रीवास्तव हल्द्वानी में माया ऑप्टिकल नामक एक दुकान को चलाते हैं। यूक्रेन की परिस्थितियों को नजदीक से देखने के बाद डरी सहमी अंजली शुक्रवार रात हल्द्वानी पहुंची।
अंजली ने बताया कि विनितसिया शहर के मिलिट्री बेस को रूसी वायुसेना ने हवाई हमला कर 26 फरवरी को उड़ा दिया था जिसके बाद वहां रह रहे भयभीत स्टूडैंट्स शहर छोड़कर भागने लगे। अंजली ने आरोप लगाया कि भारतीय दूतावास की तरफ से मदद नहीं मिलने के बाद यूक्रेन के शिक्षकों और मित्रों की मदद से वो लोग चेनिवित्सी होते हुए रोमानिया पहुंचे जहां उन्हें तीन दिनों तक आसरा मिला।
उन्होंने बताया कि भीड़ होने के कारण रोमानिया की सीमा में भगदड़ मच गई और रोमानिया की आर्मी ने हवाई फायर भी किए। सभी बच्चे यूक्रेन के नागरिकों की मदद से दिए गए खाने को खाकर लगभग 30 घंटे तक बर्फ़बारी के बीच एक जगह में खड़े रहे। रोमानिया से भारतीय वायुसेना के जहाज से लौटी अंजली ने बताया कि उन्होंने वर्ल्ड वॉर टू के बारे में तो पढ़ा था, लेकिन इस वॉर को देखकर उन्हें और अन्य स्टूडेंटों को झटका लगा है।
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