मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों संग पेयजल आपूर्ति की ली समीक्षा बैठक, ग्रीष्मकाल में जल संकट से निपटने के लिए तैयार रहने के दिए निर्देश”

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रूद्रपुर- मा0 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वी.सी. के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों के साथ पेयजल विभाग, जल जीवन मिशन, पेयजल लाईनों के रख-रखाव एवं ग्रीष्मकाल के दौरान पेयजल आपूर्ति के सम्बन्ध बैठक ली। बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रीष्मकाल प्रारम्भ हो चुका है, मौसम विभाग द्वारा जो पूर्वनुमान जारी किया है कि प्रदेश में इस वर्ष अत्यधिक गर्मी पड़ने की सम्भावनाएं है, जिसके अनुरूप हम सबको तैयारियां करनी है। उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारी देख ले कि किन -किन क्षेत्रों में कहाँ पेयजल का आभाव हो सकता है और उसके प्रबंधन की व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने कहाँ कि कई जल स्त्रोत विगत वर्ष में सूखे होंगे कुछ इस वर्ष भी सूखने वाले होंगे, लगातार भूजल स्तर भी निचे जा रहा है, उसके लिए हमें अभी से तैयार रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित ताकि समय से जाँच हो सके, ऐसे समय जब सारे स्त्रोत सुख जायेंगे और पानी को सप्लाई बंद हो जाएगी ऐसी विपरीत परिस्थितियों से निपटने के लिए हमें पहले से तैयार होना होगा। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से जनपदों को तैयारियों को जानकारी ली जिस पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में कोई जल स्त्रोत सूख जाये तो उनके वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करें।

 

उन्होंने जिलाधिकारियों निर्देश देते हुए कहा कि जल स्त्रोत संरक्षण हेतु स्प्रिंग शेड और रिवर रिजुवेनेशन एजेंसी (सारा) के साथ समन्वय बना कर ऐसे स्थानों का चिन्हिकरण करें जहाँ जल स्त्रोतों का पुनर्जिवीकरण किया जा सके या वे जो जल स्त्रोत सूख चुके है उनको रिचार्ज किया जा सके। माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में कार्य की प्रगति कम है जिसे अभी और बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा की मल्टी विलेज़ स्कीम के अंतर्गत सभी गावों को शुद्ध पेयजल मिले इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा की जिन स्तरों में भी पेयजल आपूर्ति में लीकेज की समस्या है उन स्थानों पर शीघ्र मरम्मत के कार्य पूर्ण किये जाये। उन्होंने कहा की जिन क्षेत्रों में घोड़े खच्चरों के माध्यम से पेयजल पहुँचाया जा रहा है उन क्षेत्रों में आगे चलकर पेयजल पहुंचाने के लिए स्थाई संरचना कैसे बने इसकी योजना  तैयार करें। उन्होंने कहा की सभी अधिकारी जल के मूल स्त्रोतो पर जाकर उनका स्थलीय निरिक्षण अवश्य करें, हर गाँव में पाईप लाईन में पेयजल पहुँचाने की योजनाओं में तेजी लाने की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बड़े स्तर पर पौधरोपण की योजना बनाई जाये। उन्होंने कहा की सीवर लाईन में लीकेज होने से कई प्रकार की बीमारियां भी फैलती है इसीलिए सीवर लाईन के लिकेजों को तत्काल बंद करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा की सभी जिलों में एक वाटर कमेटी बना कर पेयजल की निगरानी करें। बैठक में जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने मा0 मुख्यमंत्री को बताया कि जनपद में लगभग 13 हजार नलकूपा है,

 

सभी नलकूपों की जांच करा ली गई है। अधिकांश नलकूप सुचारू है अन्य नलकूपों को भी शीघ्र सुचारू कर दिया जायेगा। जसपुर एवं काशीपुर में सारा स्पिं्रग शेड और रिवर रिजुवेनेशन एजेंसी (सारा) के माध्यम से भूजल रिर्चाज पर काफी काम किया गया है। इसी के साथ जनपद में ग्रीष्मकालीन धान की बुवाई पर जो रोक लगाई गई है इससे जनपद का भूजल स्तर बढ़ रहा है, जिससे जनपद में सम्भवतः सकारात्मक असर पडे़गा। उन्होने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा आईसीई क्रियाकलापों के माध्यम से गर्मी में लू से बचने के उपाय व लू लगे तो उसके उपचार के सम्बन्ध में जनजागरूकता अभियान चला के जानकारी दी जा रही है। श्री भदौरिया ने बताया कि जल जीवन मिशन के अन्तर्गत जनपद में 97 प्रतिशत कार्य हो चुका है। उन्होने बताया कि कुछ शहरी स्थानीय निकायों के 645 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर शासन को प्रेषित की जा चुकी है। उन्होने बताया कि जनपद में कई बड़े जलाशय बने हुए है जिनमें डी-सिल्टिंग की कार्यवाही नही हुई है, भविष्य में जमरानी बांध को भी हरिपुरा जलाशय से जोड़ा जाना प्रस्तावित है, जिसके दृष्टिगत हरिपुरा जलाशय में डी-सिल्टिंग की आवश्यकता है। उन्होने बताया कि डी-सिल्टिंग की कार्यवाही होने से जनपद के जलाशयों का जल भण्डारण क्षमता भी बढ़ेगी जिसका लाभ जनपद को मिलेगा। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार, अधिशासी अभियन्ता यान्त्रिक शाखा जल निगम हल्द्वानी सुधीर कुमार, अधिशासी अभियन्ता जल निगम शिवम द्विवेदी, सुनील जोशी, पीएन चौधरी, अधिशासी अभियन्ता जल संस्थान तरूण शर्मा, अजय कुमार आदि उपस्थित थे।

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