हल्द्वानी- उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश समेत अन्य न्यायधीशों ने हाइकोर्ट बार ऐसोसिएशन के आग्रह पर शाम को 5 बजे नैनीताल के समीप चार खेत में वृक्षारोपण किया। वृक्षारोपण के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उत्तराखण्ड के हर पहाड़ वनों से घिरे हुए है। भगोलिक स्थिति को देखते हुए इनपर भी भू माफ़ियाओ की नजर टिकी हुई है। उत्तराखण्ड का हरेला त्यौहार से मैं बहुत प्रभावित हुआ हूँ। यहाँ के पूवर्ज पहले से इस त्यौहार को हरीवाली के रूप में मनाते हैं।
मुख्य न्यायाधीश ने उपस्थित डीएफओ से कहा कि हर साल इस मौके पर वृक्षारोपण किया जाय। इस मौके पर मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी, न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी, न्यायमूर्ति आलोक वर्मा, न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित ने पैधारोपण किया। पौधरोपड़ के इस कार्यक्रम में जामुन, पीपल, ओंगा, बमवार, पदम उर्फ ‘पय्यां’, गरुड़, गुईया, जिको, पुतली, हिमालय कोल्ट्री, कागीस, तिमूर, बेडू, हिसालू, किलमोडा, बड़, देवदार, कवरौल, अंगु, बांज और तेजपत्ता समेत कुल 150 पौधे लगाए गए।
पौंधरोपण में हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जर्नल अनुज कुमार संघल, सी.एस.सी.चंद्र शेखर रावत, हाइकोर्ट बार अध्यक्ष डी.सी.एस.रावत, महासचिव सौरभ अधिकारी, अधिवक्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता डीके शर्मा , एमसी कांडपाल , गवेट परिहार बीएस रावत , दीप जोशी, शीतल , गुरबाणी , शुखवाणी, श्रुति समेत दर्जनों अधिवक्ता मौजूद थे। वन विभाग की तरफ से एस.डी.ओ.राजकुमार, आर.ओ.विनोद तिवारी और नितिन पंत के साथ फारेस्ट स्टाफ ने कार्यक्रम को सफल बनाने में जिम्मेदारी निभाई। मुख्य न्यायाधीश ने डी.एफ.ओ.चंद्रशेखर जोशी से हरेला और पौधारोपण की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में पर्यावरण को स्वस्थ रखने का त्योहार हरेला बहुत लाभदायक है। इसे राज्य के अन्य हिस्सों में भी मनाना चाहिए तांकि प्रदेश का पर्यावरण और सुंदरता निखार कर आए।
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