लालकुआं: नगर के मुख्य बाजार में दुकानों का किराया वसूलने पहुंची रेलवे टीम को व्यापारियों के तीखे विरोध का सामना करना पड़ा। रेलवे अधिकारी जब आरपीएफ जवानों के साथ दुकानदारों से किराया मांगने पहुंचे, तो व्यापारियों ने इसका जमकर विरोध किया। दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक हुई, जिसके बाद रेलवे टीम को बिना किराया वसूले लौटना पड़ा। व्यापारियों ने रेलवे पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि यदि दोबारा इस तरह की कार्रवाई हुई, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
तीन दशक से जारी विवाद, फिर गरमाया माहौल
लालकुआं के मुख्य बाजार में रेलवे की जमीन पर बनी दुकानों को लेकर विवाद कोई नया नहीं है। रेलवे प्रशासन इन दुकानों को अपनी जमीन पर निर्मित बताकर किराया वसूलने की कोशिश कर रहा है, जबकि व्यापारी इसे खारिज करते आ रहे हैं। बुधवार को जब रेलवे के अधिकारी आरपीएफ जवानों के साथ पांडे स्वीट हाउस और बिंद्रा धर्मकांटा पहुंचे और किराया मांगने लगे, तो मामला गरमा गया। अधिकारियों ने दावा किया कि 2016 से दुकानों का किराया नहीं मिला है, जबकि दुकानदारों का कहना है कि उन्होंने पिछले 30 सालों में कभी कोई किराया नहीं दिया और रेलवे के पास इसका कोई वैध प्रमाण नहीं है।
व्यापारियों ने जताया कड़ा विरोध
रेलवे की कार्रवाई की भनक लगते ही बड़ी संख्या में व्यापारी मौके पर एकत्र हो गए। व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने रेलवे टीम का घेराव कर दिया और हंगामा शुरू हो गया। व्यापार मंडल अध्यक्ष दीवान सिंह बिष्ट, संजय जोशी, सभासद भुवन पांडे, योगेश उपाध्याय, हेमंत पांडे, पवन रस्तोगी, आनंद अग्रवाल समेत अन्य व्यापारियों ने रेलवे की कार्रवाई का विरोध किया। तीखी बहस और विरोध को देखते हुए रेलवे अधिकारियों को आखिरकार वहां से लौटना पड़ा।
व्यापारियों ने दी आंदोलन की चेतावनी
व्यापारियों ने रेलवे पर आरोप लगाया कि वह बिना किसी वैध दस्तावेज के दुकान किराए की मांग कर व्यापारियों का उत्पीड़न कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि रेलवे दोबारा इस तरह की कार्रवाई करता है, तो व्यापारी सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे। इस घटनाक्रम के बाद यह मामला फिर से तूल पकड़ सकता है। अब यह देखना होगा कि रेलवे प्रशासन इस विवाद को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाता है, या फिर आने वाले दिनों में व्यापारियों का आंदोलन और तेज होगा।

