
नैनीताल-विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून के अवसर पर निदेशक शोध एवं प्रसार कुमाऊं यूनिवर्सिटी नैनीताल प्रोफ़ेसर ललित तिवारी ने सुभकामनाएं देते हुए कहा है की पर्यावरण दिवस पर्यावरण के प्रति हमारी ज़िम्मेदारियो का अहसास है तथा सतत विकास के क्रम में और संरक्षण के प्रति हमारी कटिबद्धता बताता है ।2022 की थीम ओनली वन अर्थ का अर्थ भी यही है। पर्यावरण के प्रति जागरूकता ,वैश्विक स्तर पर कारवाही ताकि जलवायु परिवर्तन एवम ग्लीबल तापक्रम वृद्धि से हम कैसे सुरक्षित रह पायेंगे विचारणीय प्रश्न है।स्वस्थ पृथ्वी तथा सभी की समृद्धि हमारी जिम्मेदारी है।

पृथ्वी एक ही है पूरे ब्रह्मांड में तथा इसकी सुरक्षा हमारा कर्तव्य है। एक मनुष्य अपने 70 साल की उम्र में 65 पेड़ो द्वारा जनित ऑक्सीजन लेता हैं 2100 सन तक 2 डिग्री तापक्रम वृद्धि तक ही रहे ये बड़ी चुनौती है।पर्यावरण का ह्रास ,भूकंप,साइक्लोन,अधिक वर्षा,वायु प्रदूषण,जंगल कटान,कार्बन फूट प्रिंट्स,समुंद्र के जीव,आम नागरिकों की स्वास्थ समस्या,जैव विविधता का ह्वास,आवास ह्वाश। कूड़ा,ओजोन परत क्षय ,कार्बन फ्लोरो कार्बन,ब्रोमाइड,क्लोरिडेका बढ़ना,खनन, प्रकीतिक आपदा, प्रकीतिक संपदा का कम होना,अम्लीय वर्षा प्रकाश एवं ध्वनि प्रदूषण प्रमुख है। पृथ्वी में प्रकीतिक संपदा हेतु 1.5 पृथ्वी की जरूरत महसूस की जा रही है तो मनीला एवं फिलीपींस जैसे छोटे देशों में २मिलियन गाड़ी 80 प्रतिसत प्रदूषण करते है।विश्व के ३प्रतिसत लोग ही पेयजल पाते है।
समुंद्र का दोहन 63 प्रतिसत तक बड़ा है वही 3 एमएम की समुंद्र सतह वृद्धि तो 6.3 बिलियन टन प्लास्टिक कूड़ा और 2 बिलियन वाटर बॉटल प्रतिदिन का उपयोग,12 मिलियन हेक्टेयर भूमि का ह्यास तथा 2100 सन तक 140 प्रतिसत कार्बन डाइऑक्साइड में वृद्धि तय मानी जा रही है संयुक्त राष्ट्र ने 2021 से 2030 तक इकोसिस्टम रेस्टोरेशन डिकेड के अंतर्गत 1 ट्रिलियन डॉलर खर्च करने का निर्णय लिया है जिससे 13 से 26 गिगांतों ग्रीन हाउस गैस को कम किया जा सकेगा ऐसे में जंगल एवम जैव विविधता संरक्षण के साथ वट पीपालर्जुन अशोक बेल करी जामुन एलो वेरा तुलसी लैवेंडर अमलताश नीम इमली के पौधे लगा कर ऑक्सीजन बड़ाना चुनौती है ।प्रत्येक नागरिक अपने जन्मदिन पर एक पैड लगाए एवम देखवाल करे जिससे सतत विकास में हमारा योगदान हो सके।
