हल्द्वानी। हल्द्वानी में नशे के अवैध कारोबार पर प्रभावी अंकुश नहीं लग पा रहा है। हालाकि पुलिस के आलाधिकारी नशे पर शिकंजा कसने का वादा करते है लेकिन धरातल पर स्थिति संतोषजनक नहीं है। आलम यह कि आसानी से उपलब्ध होने पर किशोर वर्ग भी नशे की चपेट मे आ रहा है जो चिन्ताजनक है।
नैनीताल जिले में जो भी आलाधिकारी आते हैं, वे अपने पहले पत्रकार वार्ता में जिले में विशेषकर हल्द्वानी में नशे पर प्रभावी अंकुश लगाने की बखूबी बात करते हैं। हालाकि कुछ आधिकारियों ने लगातार इस मामले में शुरू से कड़ाई बरती जिससे छापेमारी आदि भी देखने को मिली लेकिन कुछ दिनों बाद वहीं स्थिति शुरू हो गई। सरकार ने अवैध नशे पर रोक के लिए सरकारी अमला भी बनाया है लेकिन स्थिति यह है कि विभागों के पास अवैध नशे को रोकने के लिए पर्याप्त संसाधनों की आवश्यक्ता है। इसके साथ ही लोगों को नशे के प्रति जागरूक करना भी है। इधर अवैध नशा रोकने के लिए तमाम ज्ञान बांटा जाता है लेकिन इसको खाद और पानी कहां से मिल रहा है। यह सोचनीय है। जब तक जड़ पर चोट नहीं मारी जायेगी, तब तक अवैध नशे पर अंकुश नहीं लग पायेगा। इधर बीते दिनों
बढ़ते अवैध नशे पर अंकुश लगाने के लिए बीते दिनों हुई बैठक में कप्तान के तेवरों के बाद आखिरकार हल्द्वानी कोतवाली की पुलिस व एसओजी ने संयुक्त कार्रवाई कर अवैध शराब के धंधे का भंडाफोड़ किया। नैनीताल बार के बेसमेंट में शराब बेची जा रही थी। टीम ने 27 पेटी अंग्रेजी शराब के साथ एक तस्कर भी गिरफ्तार किया गया है। एसओजी व भोटियापड़ाव चौकी पुलिस बरसाती नहर वर्कशाप लाइन में गश्त पर थी। तभी नैनीताल बार के बेसमेंट से लोगों को आते-जाते देखा गया। शक होने पर टीम मौके पर पहुंची तो एक व्यक्ति तेजी से बेसमेंट की ओर भागा। पुलिस ने उसे पकड़ लिया और जब बेसमेंट में पहुंची तो वहां विभिन्न कंपनियों की अंग्रेजी शराब का जखीरा मिला। गिनती में 276 बोतलें और 68 अध्धे मिले। गिरफ्त में आए युवक ने अपना नाम कृष्णापुर वार्ड 13 तल्लीताल नैनीताल निवासी पंकज जोशी पुत्र हरीश चंद्र जोशी बताया। आरोपित शराब से संबंधित एक भी दस्तावेज पुलिस को नहीं दिखा सका। पुलिस टीम में एसओजी प्रभारी संजीत राठौर, चौकी इंचार्ज देवेंद्र राणा, हेड कांस्टेबल ललित श्रीवास्तव, कांस्टेबल प्रकाश बड़ाल, अरविंद नयाल व संतोष बिष्ट रहे।
बिना संरक्षण के नहीं चलता है अवैध नशे के अडृडे…
हल्द्वानी। अवैध नशे के संबंध में यहां पर एक घटना का जिगर करना सही रहेगा। यूपी के दौरान जब उत्तराखंड के कुछ पहाड़ी जिले ड्राई मुक्त घोषित थे तो पहाड़ों में शराब बिकती थी। वहां के लोगों को शराब मिल रही थी, हालाकि यह पहले से महंगी थी। लेकिन उस दौरान यह सवाल उठते थे कि जब पहाड़ी क्षेत्रों में शराब नहीं बिक सकती है तो यहां शराब कहां से आ गई। निश्चित रूप से माना जा सकता है कि बिना मिलीभगत या सरंक्षण से ही यह बिक रही होगी।
बढ़ता नशा भी अवैध नशे को दे रहा है बढ़ावा…
हल्द्वानी। नब्बे के दशक में नशे के प्रति जो वर्जनाएं थी, वो आज टूटती जा रही हैं। स्थिति यहां तक आ पहुची है कि बाप व बेटा साथ-साथ बैठकर शराब पी रहे हैं। हाई सोसाइटी में तो स्थिति यह है कि यहां परिवार की महिलाएं भी नशा करने से परहेज नहीं कर रहे हैं। युवा तो छोड़िये, किशोर भी नशे के चपेट में आते जा रहे हैं,जिससे अवैध नशे को बढ़ावा मिल रहा है।
खुलेआम चल रहे हैं बार…
हल्द्वानी। नशे के प्रति युवाओं में दीवानी इतनी है कि अब बार संस्कृति तेजी से पनप रही है। हल्द्वानी में ही अनेक बार खुल चुके हैं और देर रात तक बारों में लोगों को शराब गटकते हुए देखा जा सकता है। इधर चिन्ताजनक बात यह है कि बार के कारोबार में शहर के अनेक संभ्रान्त लोग शामिल हैं। बार खुलने से युवाओं को अब ज्यादा दूर जाने की आवश्यक्ता नहीं है और घर के पास ही बार होने से उन्हें सुविधा मिल जा रही है।