
ग्रामीण पर्यटन और संस्कृत शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों को समर्पित “ तिमली साइकिल रैली” का भव्य आयोजन तिमली विद्यापीठ के तत्वावधान में सम्पन्न हुआ। इस प्रेरणादायी आयोजन में प्रमुख द्वारीखाल महेंद्र सिंह राणा ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग कर कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया।
तिमली आगमन पर राणा का विद्यापीठ के कार्यकर्ताओं, ग्रामवासियों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा पुष्प मालाओं के साथ भावभीना स्वागत किया गया। सम्पूर्ण वातावरण में उत्साह, ऊर्जा और सांस्कृतिक गौरव की झलक देखने को मिली।
मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में राणा ने कहा:
“तिमली विद्यापीठ द्वारा ग्रामीण अंचलों में शिक्षा, संस्कृति और पर्यटन को जोड़ने का यह प्रयास वास्तव में अनुकरणीय है। संस्थापक आशीष डबराल एवं उनकी टीम ने जो बीड़ा उठाया है, उसने तिमली ग्राम को एक वैश्विक पहचान दिलाई है। ऐसे आयोजनों से युवाओं को दिशा मिलती है और समाज में नई ऊर्जा का संचार होता है।”
उन्होंने कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों, सहयोगियों और आयोजकों का आभार व्यक्त करते हुए आयोजकों के इस प्रयास की खुले दिल से सराहना की।
इस ऐतिहासिक अवसर पर अनेक गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रही, जिनमें विशेष रूप से
दीपक वनियाल, डॉ. प्रेम देवली, प्रो. आशा, प्रो. सारिका, वीडीओ जयकृत सिंह बिष्ट, एडीओ पंचायत राजेश जोशी, पत्रकार सुरेश बलूनी, संजीव जुयाल एवं मनरेगा के जेई विजयपाल आदि शामिल रहे।
यह आयोजन न केवल संस्कृत शिक्षा को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक सार्थक कदम है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि ग्राम्य भारत में छिपी संभावनाएं यदि उचित दिशा मिले तो विश्वपटल पर अपनी अमिट छाप छोड़ सकती हैं।

