
देहरादून – चारधाम यात्रा मार्गों पर आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को अब और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। उत्तराखंड सरकार ने निर्णय लिया है कि यात्रा मार्गों से सटे गांवों में प्रत्येक घर में एक कमरा होमस्टे के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए सरकार आतिथ्य प्रशिक्षण देने के साथ-साथ बागवानी और पशुपालन जैसे व्यवसायों में भी ग्रामीणों को मदद देगी।

पर्यटन सचिव धीराज गर्ब्याल के अनुसार, यह योजना केवल ठहराव सुविधा तक सीमित नहीं होगी, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार और अतिरिक्त आय के अवसर भी देगी। सरकार का प्रयास है कि पर्यटन, बागवानी, पशुपालन और कौशल विकास विभाग एकीकृत रूप से मिलकर कार्य करें।
गौरतलब है कि 2018 से लागू दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास (होमस्टे) योजना के अंतर्गत अब तक 6000 से अधिक होमस्टे प्रदेश में संचालित हो चुके हैं। पिथौरागढ़ जिले के नाभी और कुटी गांव इसका सफल उदाहरण हैं, जहां प्रति परिवार लगभग 80 लाख रुपये तक की वार्षिक आय हो रही है।
इसके अतिरिक्त, कैंची धाम (नैनीताल) में श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्यटन विभाग अब पंजीकरण प्रणाली लागू करने पर विचार कर रहा है, ठीक उसी तरह जैसे चारधाम यात्रा में किया गया है।
