कोटद्वार

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में मनाया गया संस्कृत सप्ताह समारोह…….

ख़बर शेयर करें -

कोटद्वार- राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार में संस्कृत विभाग तथा आइक्यूएसी के तत्वावधान में एवं प्राचार्य प्रोफेसर जानकी पंवार के निर्देशन में संस्कृत सप्ताह समारोह दिनांक 29.08.2023 से वृक्षारोपण द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, जिसमें विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गई । दिनांक 30 दिसंबर को पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिसमें भारतीय संस्कृति और पर्यावरण को आधार बनाकर छात्र-छात्राओं ने अपने पोस्टर प्रस्तुत किए इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर डिंपल, द्वितीय स्थान पर सुहानी और तृतीय स्थान पर नीलम बी ए प्रथम सेमेस्टर रहे।

 

यह भी पढ़ें 👉  विधानसभा की विभिन्न समस्याओं के संदर्भ में जिला अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन….

1 सितंबर 2023 को संस्कृत अंताक्षरी प्रतियोगिता संपादित की गई जिसमें संस्कृत श्लोक के गायन तथा शब्दकोश से शब्दों को लिया गया इससे प्रतियोगिता को अत्यंत रुचिकर बनाया गया इसमें प्रथम स्थान पर दीक्षा कुंवर द्वितीय स्थान पर डिंपल तृतीय स्थान पर कुमारी प्रिया रही।  2 जनवरी 2023 को संस्कृत बहु विषयक  निबंध प्रतियोगिता तथा समापन समारोह आयोजित किया गया, इस प्रतियोगिता में अनेक प्रतिभागियों ने बढ़ चढ़कर प्रतिभाग किया इसमें प्रथम स्थान पर अनुष्का रावत, द्वितीय स्थान पर अजली, तृतीय स्थान पर नीलम  बी ए प्रथम सेमेस्टर रहे।

यह भी पढ़ें 👉  आदर्श विद्या निकेतन के में रहा आजाद कप.......

 

संस्कृत सप्ताह समारोह के अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर जानकी पंवार ने अपने उद्बोधन में प्रतियोगी छात्र-छात्राओं को संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार तथा विषय को रुचिकर बनाने में इन प्रतियोगिताओं को महत्वपूर्ण बताया साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं में भी संस्कृत साहित्य की भूमिका से अवगत कराया। साथ ही दिनांक 04.09.2023 को प्राचार्य द्वारा विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत कर आशीर्वाद प्रदान किया  l

 

कार्यक्रम की संयोजिका डॉ अरुणिमा ने अपने वक्तव्य में कहा कि इन प्रतियोगिताओं से विद्यार्थी संस्कृत वाचन में उच्चारण सामर्थ्य प्राप्त कर सकेगा, प्राचीन ऋषियों ने इसी भाषा के माध्यम से ऐसी ऐसी रचनाएं की जिससे वैज्ञानिक भी आश्चर्यचकित हैं। इस अवसर पर डॉक्टर रोशनी असवाल ने कहा कि प्रत्येक विषय के ज्ञान  को निरंतर अध्ययन के द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है, डाॅ प्रियम अग्रवाल ने संस्कृत भाषा की प्रासंगिकता को अनेक उदाहरण  द्वारा स्पष्ट किया। इस अवसर पर डॉ आशा देवी, डॉक्टर सीमा कुमारी  डॉक्टर कपिल देव थपलियाल, डॉक्टर पूनम गैरोला उपस्थित थे।

Leave a Reply