भाजपा नेता गणेश जोशी ने की शहीद कांग्रेस नेताओं पर अमर्यादित टिप्पणी….
अल्मोड़ा- उत्तराखण्ड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने मंगलवार को प्रैस के जारीये एक बयान में कहा कि भाजपा नेता गणेश जोशी के द्वारा देश के लिए शहीद हुई पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की शहादत पर की गई अमर्यादित टिप्पणी अत्यंत निंदनीय और शर्मनाक है। एक सभ्य समाज में मर्यादित पद पर बैठे नेता ने इस प्रकार की भाषा शैली उनके मानसिक संतुलन और संस्कारों को परिलक्षित करती है।ऐसे बयान देने से पहले भाजपा के लोगों को आत्म अवलोकन करने की आवश्यकता है।
कर्नाटक ने कहा कि बेहतर होताकि तथाकथित नेता अपने प्रश्नों और शब्दों में मर्यादा के तहत देश की जनता को यह बताते कि स्वतंत्रता संग्राम संग्राम से लेकर वर्तमान समय 2023 तक कितने भाजपा,जनसंघ और आरएसएस के लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई लड़ी और देश के लिए अपनी शहादत दी। उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि जब देश स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहा था तब इन्हीं के लोग अंग्रेजों के साथ मिलकर देश को बांटने का कार्य कर रहे थे और पेंशन पाकर अंग्रेजी सरकार के खिलाफ चल रहे आंदोलनों और स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई को कमजोर करने का कार्य कर रहे थे , ऐसी टिप्पणियों से भाजपा का चाल चरित्र और चेहरा जनता के बीच में उजागर होता है। कर्नाटक ने कहा कि भारत में कंप्यूटर क्रांति स्वर्गीय राजीव गांधी की ही देन है।
भारत में कंप्यूटर और संचार क्रांति का श्रेय राजीव गांधी को ही जाता है। राजीव जी का मानना था कि देश की युवा पीढ़ी को आगे ले जाना है तो उसके लिए कंप्यूटर और विज्ञान की शिक्षा जरूरी है। प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने विज्ञान और टेक्नोलॉजी के लिए सरकारी बजट को बढ़ाया।कंप्यूटर की कीमतें घटाने के लिए राजीव जी ने अहम फैसला लिया , उन्हें इसे सरकारी नियंत्रण से बाहर किया और असेंबल कंप्यूटर्स का आयात शुरू किया। देश की 2 बड़ी टेलीकॉम कंपनी एमटीएनएल और वीएसएनएल की शुरुआत उनके कार्यकाल में ही हुई। इसके साथ ही स्व. राजीव गांधी ने ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के उद्देश्य से जवाहर नवोदय विद्यालयों की स्थापना की और वर्तमान समय में लगभग हर ज़िले में एक नवोदय विद्यालय है,
आज स्थिति ऐसी है कि शहरी क्षेत्र के बच्चे भी नवोदय स्कूलों में प्रवेश ले रहे हैं , राजीव जी ने यह फैसला 1986 में घोषित शिक्षा नीति के तहत लिया था। इसके अतिरिक्त उन्होंने गांवों को सशक्त और लोकतंत्र में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए पंचायती राज का बड़ा फैसला लिया। इसके माध्यम से उन्होंने पूरे देश में ग्राम सरकार की अवधारणा लागू की और पंचायतों को ज्यादा अधिकार दिए। उनका मानना था कि ग्राम पंचायतों को सत्ता में वह दर्जा मिलना चाहिए जो संसद और विधानसभा का है। कर्नाटक ने कहा कि भाजपा नेताओं को अपनी अमर्यादित टिप्पणी से पहले ये अध्ययन कर लेना चाहिए कि जिन पर उनके द्वारा टिप्पणी की जा रही है उन्होंने देश के लिए शहादत दी है जो भाजपा नेताओं के बस की बात नहीं।
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