
रुद्रपुर – जनपद में ग्रीष्मकालीन धान की बुआई पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाते हुए प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में निरीक्षण कर प्रतिबंध का पालन सुनिश्चित करें और जहां भी ग्रीष्मकालीन धान की नर्सरी पाई जाए, उसे तुरंत नष्ट करें।

सख्ती के बावजूद जारी है बुआई, प्रशासन अलर्ट
जिलाधिकारी ने बताया कि ग्रीष्मकालीन धान की बुआई के लिए केवल 31 मार्च तक सशर्त अनुमति दी गई थी। इसके बावजूद भी कई स्थानों पर नर्सरी तैयार करने और बुआई करने की शिकायतें मिल रही हैं, जो गंभीर विषय है। उन्होंने निर्देश दिया कि कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में गहन निरीक्षण करें और किसी भी दशा में धान की बुआई न होने दें।
जल संरक्षण को देखते हुए लिया गया निर्णय
ग्रीष्मकालीन धान की बुआई पर प्रतिबंध लगाने के पीछे जल संरक्षण एक प्रमुख कारण है। गर्मी के मौसम में जलस्तर पहले ही काफी नीचे चला जाता है, ऐसे में धान की बुआई से जल संकट और बढ़ सकता है। प्रशासन का मानना है कि अगर बेमौसम धान की खेती पर रोक नहीं लगाई गई तो आने वाले समय में पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि सिर्फ दलदली एवं पानी से भरपूर भूमि में ही सशर्त बुआई की अनुमति दी गई थी, लेकिन अब इस पर भी पुनः जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि अब मई माह तक धान की नर्सरी लगाने पर भी पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा और उसके बाद ही निर्धारित नियमों के तहत बुआई की अनुमति दी जाएगी।
गेहूं की फसल में आग की घटनाओं पर भी प्रशासन की नजर
इस समय जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से गेहूं की फसल में आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने सभी राजस्व, कृषि, भूमि संरक्षण अधिकारियों एवं अग्निशमन विभाग को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी घटना घटित होने पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, ताकि किसानों को अधिक नुकसान से बचाया जा सके।
बैठक में उच्च अधिकारियों की उपस्थिति
इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार, अपर जिलाधिकारी अशोक कुमार जोशी, उप जिलाधिकारी मनीष बिष्ट, कौस्तुभ मिश्र, अभय प्रताप सिंह, डॉ. अमृता शर्मा, ओसी गौरव पांडेय, मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. अभय सक्सेना, एआर कोऑपरेटिव सुमन कुमार सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे। इसके अलावा, सभी उप जिलाधिकारी एवं तहसीलदार वर्चुअल माध्यम से बैठक में जुड़े।
प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे नियमों का पालन करें और प्रतिबंधित अवधि में धान की बुआई करने से बचें, ताकि भविष्य में जल संकट जैसी गंभीर समस्याओं से बचा जा सके।
